कॉन्ग्रेस पार्टी में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने कहा कि कॉन्ग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए कई निर्णायक कदमों पर चर्चा चल रही है।
यदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सिद्धारमैया ख़ुद अपने कुछ विधायकों को उनके पास भेज रहें हैं और वो राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
जेबकतरे नवनिर्वाचित सांसद के साथ सेल्फी खींचने के बहाने कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अमर सिंह ने अकाली दल के दरबारा सिंह गुरु को करीब 94,000 मतों से हराया। इसके बाद जनता को धन्यवाद् करने के लिए उन्होंने क्षेत्र में अन्य स्थानीय नेताओं के साथ एक कार्यक्रम रखा।
इस फ़ोटो को शेयर करते समय यह दावा किया गया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास कथित रूप से नशे की हालत में थे और वो ऐसी हालत में एक न्यूज़ चैनल की महिला पत्रकार को इंटरव्यू दे रहे थे। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता के इस पोस्ट को 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।
कॉन्ग्रेस अकेली पार्टी नहीं है जो मीडिया से भाग रही है। समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी मीडिया पैनलिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसका अर्थ है कि सपा द्वारा जब तक नए पैनलिस्ट के नामों की घोषणा नहीं की जाती, तब तक पार्टी का पक्ष रखने के लिए मीडिया चैनलों पर नेता नहीं जाएँगे।
एक ओर कॉन्ग्रेस पार्टी के तमाम नेता अपने युवा अध्यक्ष राहुल गाँधी को इस्तीफ़ा वापस करने के लिए मनाने को लेकर संघर्षरत नजर आ रही है वहीं नेशनल हेराल्ड मामले में भी कुछ ऐसे मोड़ आ रहे हैं, जिन्हें सुनकर गाँधी परिवार को अच्छा नहीं महसूस होगा।
गाँधी परिवार ने इस बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल गाँधी को जरूरी समर्थन ना देने पर नाराजगी जाहिर की थी। परिवार की नाराजगी स्पष्ट थी, क्योंकि सोनिया भी पूरी बैठक के दौरान नहीं बोलीं और यह जाहिर किया कि उन्हें भी अपने विश्वस्त साथियों से निराशा हासिल हुई।
राहुल गाँधी जहाँ चुनाव से पहले लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर जनसभाओं में चौकीदार चोर है जैसे नारे लगाते नहीं थक रहे थे, वहीं नतीजों के बाद उन्होंने अचानक से इतनी चुप्पी कैसे साध ली है यह सबके लिए हैरान कर देने वाला प्रश्न हो चुका है।
यह पहली बार नहीं है जब मुंबई कॉन्ग्रेस के नेताओं द्वारा भारत रत्न से सम्मानित गायिका लता मंगेशकर को लेकर बुरा-भला कहा गया हो। इससे पहले जब नवम्बर 2013 में लता मंगेशकर ने नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया था, तब जनार्दन चांदुरकर ने कहा था कि उनका भारत रत्न पुरस्कार छीन लेना चाहिए।