चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस दो गुटों में बँट गई है। टीएस सिंहदेव का धड़ा आलाकमान से ढाई साल वाला वादा पूरा करने का दबाव बना रहा है। जबकि, भूपेश बघेल अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
कन्हैया कुमार का कॉन्ग्रेस ज्वाइन करना आश्चर्य व्यक्त करने वाली घटना नहीं है। वर्तमान भारतीय राजनीति के सेक्युलर दलों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम चल रहा है।
माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह को हटाना राहुल गाँधी का फैसला था। ऐसे में चन्नी का सीएम बनना कॉन्ग्रेस की मुश्किलों का निपटारा नहीं, पंजाब में राहुल के नेतृत्व की परीक्षा है।