इस यात्रा को हज़ारों लोग 83 किलोमीटर पैदल चल कर तय करते हैं। कुछ शरारती तत्वों ने इस पवित्र प्रक्रिया में विघ्न डालने के लिए यात्रा के रास्ते में जानवरों के माँस व कंकाल फेंक दिए ताकि हिन्दुओं की भावनाएँ आहत की जा सके। श्रद्धालुओं ने इसे लेकर गुस्सा जताया।
BJP राज्य सचिव एके नजीर पर एक मस्जिद के अंदर घातक हमला किया गया। वह 'जन जागृति’ रैली में शामिल होकर CAA पर लोगों को जागरुक कर रहे थे। इस रैली के तुरंत बाद वो मस्जिद में नमाज़ के लिए गए। यहीं पर घात लगाए लोगों ने...
विदेश में अत्याधुनिक प्रेस में छपी कुरान 6 महीने से लावारिस पड़ी हैं। इन्हें मलप्पुरम के दारुल उलूम अरबी कॉलेज के प्रिंसिपल अब्दुल सलाम ने मॅंगवाया था। उनका कहना है कि गरीबों के बीच बॉंटने के लिए कुरान मॅंगवाई गई थी।
बीवी और कॉलेज जाने वाले 2 बच्चे। सब-इंस्पेक्टर विल्सन का यही परिवार था। लेकिन उन्हें पूरी प्लानिंग के तहत मार डाला गया। क्यों? क्योंकि शमीम और तौफिक गुस्सा में थे। गुस्सा इसलिए कि उनके आतंकी दोस्तों को गिरफ्तार क्यों किया गया! बदला लेने के लिए दोनों ने साजिश रची और...
राहुल गाँधी का प्रशंसा पत्र केरल के सीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सार्वजनिक किया गया। इसके बाद UDF को बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। यूडीएफ केरल का विपक्षी गठबंधन है जिसकी अगुवाई कॉन्ग्रेस करती है।
अब केरल विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पास किए गए प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं रहा। क्योंकि इस प्रस्ताव पर आगे काम करने के लिए पिनरई विजयन सरकार को राज्यपाल के हस्ताक्षर लेने अनिवार्य हैं, जो खुले तौर पर इसका विरोध कर चुके।
लगभग 1000 वहाबी प्रचारक (कट्टर इस्लाम के प्रचारक) केरल में आए। विचारधारा को फैलाया, पानी की तरह पैसा बहाया। कई नई मस्जिदों का निर्माण कराया, सब सऊदी अरब स्टाइल में। लेकिन यह सुनिश्चित किया कि इन मस्जिदों से कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार किया जाएगा।
"अज्ञानी लोगों को इसकी जानकारी नहीं रहती है कि संसद से पारित होने के बाद कोई क़ानून किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं रहता, देश का क़ानून बन जाता है। जिन्हें न क़ानून का ज्ञान है और जिन्होंने न कभी संविधान पढ़ा है, उनकी अज्ञानता का कोई समाधान नहीं है। "
आयशा ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वो देश में अल्पसंख्यक राजनीति को उभरते हुए देखना चाहती हैं। उन्होंने अल्पसंख्यक राजनीति का अर्थ समझाते हुए बताया कि इसका आशय 'मुस्लिम-बहुजन पॉलिटिक्स' से है।
मौलाना अबुल कलाम का राष्ट्रीयता और भारतीयता में गहरा यकीन था। उन्होंने धर्म के आधार पर देश के विभाजन का विरोध किया था। पाकिस्तान परस्मुतों को चेताया था। शायद यही कारण है कि इरफान हबीब जैसे वामपंथी उनका नाम सुनते ही आपा खो बैठते हैं।