सूत्रों के अनुसार तंवर ने पार्टी नेतृत्व से 10 सीटें मॉंगी है। राज्य में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएँगे और 24 अक्टूबर को नतीजे आएँगे। 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा 78 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है।
शफी और 5 अन्य लोग मसूद अहमद मट्टू, मोहम्मद मुजफ्फर शाह, गुलाम मोहम्मद, तौसीफ अहमद गंडना और सैयद अहमद का नाम एफआईआर (संख्या: 229/2019) में शामिल है और उन पर हिजबुल मुजाहिदीन के सक्रिय आतंकवादियों को शरण देने और उनकी आवाजाही की व्यवस्था को अंजाम देने का आरोप है।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि दिनदहाड़े पत्रकार के पीटे जाने के बाद भी बात-बे-बात पर शोर मचाने वाली लिबरल गैंग मौन है क्योंकि यहाँ शासन कॉंग्रेस का है, सत्ता में कमलनाथ और आरोपित कॉन्ग्रेस नेता गोविंद सिंह.......
गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान रोहन गुप्ता पर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप लगे थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पहले चरण के चुनाव के बाद एग्जिट पोल शेयर कर दिया था। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था।
कॉन्ग्रेस नेता मानक अग्रवाल के इस बयान को घटिया करार देते हुए यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि यदि संघ के लोगों को शादी करनी चाहिए तो फिर कॉन्ग्रेस के राहुल गाँधी कौन सी दुल्हनिया का इंतजार कर रहे हैं?
"महागठबंधन को बाँधने वाली गाँठे कितनी मजबूत हैं, इसका अंदाजा इसी से लग रहा है कि उपचुनाव की पाँच सीट आपस में बाँटने में ही टूट गई। ये 2020 में 243 सीटों पर कैसे फैसला कर पाएँगे?"
अपनी इफ्तार पार्टी के लिए सुर्खियाँ बटोरने वाले बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी को 2018 में मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने हरा दिया था। हर साल होने वाली उनकी इफ्तार पार्टी में बॉलीवुड की ख़ान त्रिमूर्ति से लेकर कई अभिनेता-अभिनेत्री शामिल होते हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में कॉन्ग्रेस की कर्जमाफी योजना फ्लॉप हो गई है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सबके बावजूद मीडिया इन ख़बरों को तवज्जो नहीं दे रहा। जबकि, यूपी में छोटी-मोटी गड़बड़ियों को भी हाइलाइट किया गया।
"अगर राजीव कुमार मुँह खोलते हैं तो कई प्रभावशाली लोग मुश्किल में होंगे। शारदा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कॉन्ग्रेस के कई शीर्ष नेताओं एवं मंत्रियों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है और कई को गिरफ़्तार भी कर चुकी है। इसीलिए उन्हें सदा के लिए चुप कराया जा सकता है।"
कॉन्ग्रेस के युवा लेकिन प्रसिद्ध नेता जितिन प्रसाद ने जनसंख्या नियंत्रण मुद्दे को उठाते हुए कॉन्ग्रेस के लोगों को AICC के उस प्रस्ताव की भी याद दिलाई, जब 1998 में कॉन्ग्रेस ने पंचमढ़ी शिविर में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर व्यापक बहस और पॉलिसी बनाने की बात कही थी।