डॉक्टरों द्वारा की गई शुरुआती जाँच व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद यह तथ्य सामने आया कि गायों के चारे में जहर मिला कर उन्हें खिला दिया गया। इस कारण से मृत गायों के फेंफड़ों और दिल में ख़ून के थक्के पाए गए।
ट्विटर पर नवभारत टाइम्स के पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि हिन्दू "मुस्लिम के कुत्ते" की अफ़वाह सुनकर बवाल काटने लगे और बाद में कुत्ते का मालिक हिन्दू निकलने पर शांत हो गए। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने न कोई सबूत दिया और न ही गलती मानी।
राजस्थान के शहरी विकास और आवास मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि गाय एक "अत्यधिक उपयोगी जानवर" है, लेकिन इसकी पूजा करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सुपरवुमन की पूजा की जानी चाहिए न कि गायों की।
राष्ट्रीय दुधारू पशु आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व जस्टिस गुमान लाल लोढ़ा द्वारा भारत सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस रिपोर्ट में दुधारू गायों और बछड़ों के वध पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
तेलंगाना के मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने कहा था कि हिन्दू धर्म में गाय सम्मानित है और उसकी पूजा की जाती है। इसलिए, मुस्लिम भाई गाय की कुर्बानी देने से परहेज करें। इसके अलावा वे अन्य जानवरों की कुर्बानी दे सकते हैं।
अभि, सुशांत और प्रज्वल के खिलाफ 'धार्मिक भावनाओं को आहत' करने के साथ ही अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया है। इन तीनों ने ही गाँव के लोगों के साथ मिलकर अंसारी को गाय से दुष्कर्म करते हुए रंगे हाथ पकड़ा था।
गुस्साए गाँव वालों ने अंसारी से गाय के पाँव छूकर माफी माँगने को कहा, लेकिन जैसे ही अंसारी वहाँ पहुँचा, गाय उसे देखकर डर गई और वहाँ से भाग गई। गाय की व्यथा देखकर गाँव वाले उससे बोले, "ये भाग रही है क्योंकि ये तुमसे डर गई। उसे लग रहा है कि तुम वही सब करने दोबारा आए हो।"
पर्यावरण एवं पशु कल्याण मंत्रालय ने ओडिशा सरकार को पहले से ही आगाह कर रखा है कि राज्य के 6 जिलों से मवेशियों को ट्रांसपोर्ट कर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ले जाया जाता है। मंत्रालय ने ओडिशा के परिवहन विभाग को सभी प्रमुख जगहों ख़ासकर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट बनाने को कहा था।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जो गौ-पालक दूध निकाल कर पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं, उनके ख़िलाफ़ जुर्माने और दंड की सख्त कार्रवाई हो। वहीं जो निराश्रित गोवंश को पाल रह हैं, उन्हें 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाएँ।