बीते दिनों हुए इन प्रदर्शनों में करीब 30 पोस्टर ऐसे दिखाई दिए, जो हिंदूघृणा की खुली किताब थे। जिन्हें देखते ही अंदाजा लग जाएगा कि सेकुलरिज्म बचाने के नाम पर ये हिंदुत्व पर हमला है।
हिन्दू घृणा से सने शाहीन बाग़ इलाक़े में CAA और NRC के ख़िलाफ़ ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ जैसे नारे लगाए गए थे। इस दौरान ऐसे पोस्टर भी देखे गए जिनमें हिन्दू धर्म की तुलना नाज़ीवाद से और स्वास्तिक का दुरुपयोग करते हुए विखंडित दिखाया गया।
हाल ही में मुंबई में हुए एक विरोध प्रदर्शन में एक लड़की द्वारा "फ्री कश्मीर" का पोस्टर लहराने पर उसके ख़िलाफ में केस दर्ज किया गया था। हालाँकि, बाद में जेएनयू छात्रों ने सफाई देते हुए कहा कि वो कश्मीर में फ्री इंटरनेट को लेकर लिखा गया था, लेकिन अब आइशी घोष खुद इसे लेकर खुलकर सामने आ गई हैं।
आम आदमी पार्टी के छात्र विंग के नेता कासिम उस्मानी ने स्थानीय लोगों को भड़काया। जामिया के छात्र ने ऑपइंडिया को दिए इंटरव्यू में किए कई बड़े खुलासे। उपद्रवी मुस्लिम छात्रों ने कुलपति के दफ्तर के ऊपर ही फिलिस्तीन का झंडा लगा दिया और इजरायल का झंडा जला डाला।
"आप मुझसे तारीख मत पूछिए, मैंने आपसे कह दिया तो ये होकर रहेगा। हम कोशिश ही कर सकते हैं और कोशिश ही कर रहे हैं। आप लोग थोड़ा टाइम दीजिए। आप लोग परीक्षाओं को FIR से नहीं जोड़ सकते हैं। हम कोर्ट जाएँगे और कोर्ट की तारीखें हम तय नहीं कर सकते हैं। आप लोगों की ही माँग पर यूनिवर्सिटी को खोला गया।"
जब एक पत्रकार ने अरुंधति से पूछा कि क्या विरोध-प्रदर्शन के कुछ परिणाम निकलेंगे तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उम्मीद जताई कि 'सभी लोग आज़ाद हो जाएँगे।' कहा कि विरोध कर रहे लोग कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।
दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन से 34 वर्षीय आमिर हमजा खान नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आमिर दिल्ली के जाकिर नगर का रहने वाला है। उसे सीआईएसएफ द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन के फ्रिस्किंग पॉइंट पर एक पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया है।
“नफ़रत फैलाने वाली भीड़ के ख़िलाफ तत्काल अनुशासनात्मक और क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस कार्यक्रम के आयोजकों और मास्टरमाइंड की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें तुरंत निष्कासित कर दिया जाना चाहिए।”
CCTV फुटेज लेने के लिए जामिया नगर के एसएचओ को यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास भेजा गया। जब पुलिस वहाँ पहुँचीं, तब भारी संख्या में जामिया के छात्र जमा हो गए। उन छात्रों ने CCTV फुटेज देने से इनकार कर दिया। लेकिन हैरत की बात यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन भी साक्ष्य के तौर पर CCTV रिकॉर्डिंग देने से इनकार कर रहा है।
सांसद थरूर ने दिन में 5 बार 'ला इलाहा इल्लल्लाह' बोलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। उनकी आपत्ति बस वीडियो में प्रयुक्त नारे से थी, उसे जिस तरीके से पेश किया गया था, उससे थी। लेकिन थरूर के बयान को ही 'सॉफ्ट कट्टरता' करार दे दिया गया।