हिंदुओं द्वारा 'हिंदू विरोधी दंगों' की शुरुआत करने का कोई भी आरोप एक झूठ का पुलिंदा है। खासतौर से वामपंथी मीडिया ने सिर्फ अपना फेक नैरेटिव गढ़ने के लिए उस वक्त मोहन नर्सिंग होम की आड़ में दंगाइयों को बचाने के लिए हिंदुओं को निशाना बनाया था।
चार्जशीट के मुताबिक सफूरा भी पुलिस हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या की उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी कि दंगाइयों की भीड़। रतन लाल की हत्या में सफूरा का नाम मुख्य साजिशकर्ता में शामिल है।
ताहिर हुसैन ने इंसानों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। हुसैन ने खुद ही कबूला कि उसी ने मुस्लिम भीड़ को भड़काया था और चाँदबाग, खजूरी खास एवं अपने छत से हिंसा भड़काया था।
ताहिर हुसैन ने जानकारी दी कि उसने भीड़ को अपनी छत पर खड़े होकर गोलीबारी और पत्थरबाजी करने को कहा क्योंकि उसे लगता था कि उसका घर ऊँचा है तो वो हिंदुओं को आसानी से निशाना बना सकता है। उसने कबूल किया है कि भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी।