Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाज'मानव हथियार' की तरह दंगाइयों का किया प्रयोग: ताहिर हुसैन को बेल नहीं देने...

‘मानव हथियार’ की तरह दंगाइयों का किया प्रयोग: ताहिर हुसैन को बेल नहीं देने से पहले जज ने दिए 6 महत्वपूर्ण बयान

"इसने भले ही अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं किया हो लेकिन इसने दंगाइयों को 'मानव हथियार' की तरह प्रयोग किया। जो इसके भड़काने पर किसी को भी मार सकते थे।"

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में मारे गए आईबी के अंकित शर्मा की हत्या के आरोपित व आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को कल (जुलाई 13, 2020) दिल्ली कोर्ट ने खारिज कर दिया।

ताहिर हुसैन ने अपनी बेल याचिका इस आधार पर माँगी थी कि अंकित शर्मा की हत्या में उससे जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं। मगर, इस याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश विनोद यादव ने कई बिंदुओं को मद्देनजर रखा और 6 महत्वपूर्ण बातें कहीं:

ताहिर हुसैन ने समुदाय विशेष के लोगों को भड़काया

ताहिर हुसैन की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली कोर्ट ने सुनिश्चित किया उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपित घटनास्थल पर था और समुदाय विशेष के दंगाइयों को उकसा रहा था।

ताहिर ने दंगाइयों को ‘मानव हथियार’ की तरह प्रयोग किया

कोर्ट ने ताहिर के लिए कहा, “इसने भले ही अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं किया हो लेकिन इसने दंगाइयों को ‘मानव हथियार’ की तरह प्रयोग किया। जो इसके भड़काने पर किसी को भी मार सकते थे।”

गवाहों को धमका सकता है ताहिर

कोर्ट ने आगे अपना फैसला सुनाते वक्त प्रत्यक्षदर्शियों की सुरक्षा का भी हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के गवाह उसी इलाके के हैं, जहाँ ताहिर रहता हैं। ऐसे में मुमकिन है अगर ताहिर बेल पर छूटे तो वह उन्हें धमकाए, क्योंकि वह वहाँ की ताकतवर शख्सियत रह चुका है।

CCTV फुटेज न होने के बावजूद ताहिर के ख़िलाफ़ कई सबूत

कोर्ट ने इस फैसले को सुनाते हुए उन गवाहों के बयान को भी ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा था कि हुसैन उस दिन घटनास्थल पर मौजूद था जब अंकित शर्मा को दंगाइयों ने मारा। कोर्ट ने इन बयानों को आधार रखते हुए और सीसीटीवी फुटेज की अनुपलब्धता पर कहा, “भले ही इस संबंध में कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है, जो साबित करे कि याचिकाकर्ता घटना पर था। लेकिन इसके अतिरिक्त बहुत से सबूत ऑन रिकॉर्ड हैं।”

प्राथमिक दृष्टया में ताहिर की भूमिका संदिग्ध

दिल्ली कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दंगे गहरी साजिश के नतीजे थे और इन्हें बहुत ही सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया। प्राथमिक दृष्टया में इस साजिश में AAP के निलंबित पार्षद की भूमिका संदिग्ध है।

पिंजरा तोड़ जैसे कई संगठनों के साथ ताहिर हुसैन की भूमिका पर जाँच

इसके बाद दिल्ली कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए ताहिर से जुड़े अन्य मामलों में चल रही जाँच का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि अभी पिंजरा तोड़, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी और यूनाइटिड अगेंस्ट हेट ग्रुप आदि के साथ ताहिर की भूमिका में जाँच की जा रही है।

गौरतलब है कि इस याचिका के खारिज होने से पहले दिल्ली दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन ने न्यायिक हिरासत के दौरान पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उसने जानकारी दी कि उसने मुस्लिम भीड़ को अपनी छत पर खड़े होकर गोलीबारी और पत्थरबाजी करने को कहा क्योंकि उसे लगता था कि उसका घर ऊँचा है तो वो हिंदुओं को आसानी से निशाना बना सकता है।

उसने कबूल किया था कि भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी। उसने बताया कि उसके भाई शाह आलम ने समर्थकों संग मिल कर महक सिंह की पार्किंग में आग लगाई थी। अपने बयान में उसने माना था कि उसने हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए दंगों को करवाया था। इसके अलावा उसने कहा था कि इन दंगों के लिए ‘इंडिया अंगेस्ट हेट’ के खालिद सैफी ने मलेशिया जाकर जाकिर नाईक से भी मुलाकात की थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बंगाल के मेदिनीपुर में भाजपा कार्यकर्ता के बेटे की लाश लटकी हुई, TMC कार्यकर्ताओं-BJP प्रदेश अध्यक्ष के बीच तनातनी: मर चुकी है राज्य सरकार...

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच बंगाल भाजपा ने आरोप लगाया है कि TMC के गुंडे चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं।

नहीं होगा VVPAT पर्चियों का 100% मिलान, EVM से ही होगा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सारी याचिकाएँ, बैलट पेपर की माँग भी...

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट वेरिफिकेशन की माँग से जुड़ी सारी याचिकाएँ 26 अप्रैल को खारिज कर दीं। कोर्ट ने बैलट पेपर को लेकर की गई माँग वाली याचिका भी रद्द कीं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe