उस समय बजरंग दल व अन्य हिन्दू संगठनों ने उनकी मदद की। उपायुक्त ने भी उन्हें वहाँ रहने की छूट दे दी। इसके बाद वे वर्ष 2006 में रोहतक से फतेहाबाद के रतिया क़स्बे के निकट गाँव रतनगढ़ में आकर रहने लगे। यहाँ वो पिछले 13 सालों से रह रहे हैं।
हुमा 8वीं कक्षा में पढ़ती है। पहले हुमा को किडनैप किया गया फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद अपहरण करने वाले अब्दुल जब्बार से उसका निकाह करा दिया गया। इसके बाद बड़े 'शान' से और 'हिम्मत' के साथ निकाह के कागज हुमा के माता-पिता के पास भेज दिया गया - यह इसलिए क्योंकि समझ जाओ कि बेटी अब दूसरे की हो गई, लापता-मिसिंग-कोर्ट-कचहरी जाने का कोई फायदा नहीं!
युवती ने एसपी क्राइम को अपनी शिक़ायत में बताया कि उनके अब्बू ने गाँव में अन्य लोगों के साथ मिलकर पंचायत की, जिसमें यह तय किया है कि अगर उन्होंने (दंपति) गाँव में पैर रखा तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। एक सप्ताह पहले युवती के परिजनों ने दोनों का अपहरण करने की भी कोशिश की थी।
सलीम का कहना है कि उसकी पैदाइश हिंदू परिवार में हुई थी और उसका नाम सुशील था। जब वह आठ साल का था तो उसके माता-पिता की मौत हो गई। इसके बाद धर्म परिवर्तन करा उसे मुस्लिम बना दिया गया।
एक मूर्खतापूर्ण वीडियो में बजिंदर ने एक मृत बच्चे को जिंदा कर दिया। लोगों को मूर्ख बनाने वाले ऐसे बहुत से वीडियो सोशल मीडिया और इन्टरनेट पर ईसाई धर्मान्तरण के उद्देश्य से डाले ही जाते हैं। इन वीडियो के ज़रिए अधिकांशतः वह लोग फंस जाते हैं जो...
पिछले साल अकेले सिंध प्रांत में ऐसे तकरीबन 1000 मामले सामने आए थे। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने बहुत कम कोशिशें की हैं।
होली क्रॉस स्कूल में जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने से नौवीं कक्षा का एक छात्र परेशान था। इस बात को लेकर स्कूल मैनेजमेंट का उसने विरोध भी किया। लेकिन उसका विरोध उस पर भारी पड़ा। वार्डन ने CCTV से बचते हुए उसे इतना मारा कि...
केरल सरकार में तो ऐसे लोगों के 'कल्याण' के लिए पूरा एक विभाग है जिन्होंने हिंदू धर्म त्यागकर ईसाई पंथ अपनाया। सरकार ने हिन्दू से ईसाई बनने वाले लोगों लिए एक पूरी कंपनी खोल रखी है। हिन्दू धर्म छोड़ कर ईसाई बनने वालों के लिए विशेष तौर पर सुरक्षित किए गए इन पदों का वेतन ₹45,800 से ₹89000 तक है।
"25 फरवरी को मैं आर्य समाज मंदिर गया। शुद्धिकरण समारोह के बाद मैंने हिन्दू धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्तन के बाद मैंने और उसी दिन मंदिर में हिंदू संस्कारों और रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की। जिसमें 'सप्तपदी' और 'सात फेरे' आदि भी शामिल थे।"
"ईसाई महिलाओं का धर्म परिवर्तन इस्लाम में या इस्लाम के लिए नहीं बल्कि इस्लामी आतंक में शामिल करने के लिए करवाया गया। इन महिलाओं को आतंकी क्रियाकलापों के लिए वाहक की तरह इस्तेमाल किया जाता है।"