आपके पास विकल्प दो ही हैं: डर कर रहिए या सवाल पूछना शुरू कीजिए। सवाल नहीं पूछेंगे कि तुम्हें 'हिन्दुत्व' को फक करने का विचार क्यों आता है, तो ये कल आपकी बहू-बेटियों को छेड़ने से भी नहीं हिचकिचाएँगे। अगर कोई ‘हिन्दुओं से आजादी', ‘हिन्दुत्व की कब्र खुदेगी', 'फक हिन्दुत्व' बोल कर और लिख कर खुले आम टहल रहा है, तो...
मेरठ में सीएए को लेकर हुई हिंसा में मोहसिन, आसिफ, जहीर, आलिम और दिल्ली के आसिफ की मौत हो गई थी। इसमें 35 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस मामले में अब तक 102 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
वरुण ग्रोवर भले ही सरकार को कागज़ न दिखाने की बात करते हों और दूसरों को भी ऐसा ही सलाह देते हों लेकिन उनके शो में जाने वाले लोगों को कागज़ दिखाना ही पड़ेगा। सोशल मीडिया में लोगों ने वरुण ग्रोवर के इस दोहरे रवैये को आड़े हाथों लिया।
जिस वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी है उन्हें रविवार को अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के तुरंत बाद, शिक्षकों, छात्रों और ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों ने निष्कासित कर दिया था। कहा था कि जब तक वे कैंपस छोड़कर नहीं जाते विश्वविद्यालय प्रशासन का बहिष्कार किया जाएगा।
पूर्वी त्रिपुरा से सांसद रेबती कुमार को एनएलएफटी ने धमकी दी है। 1997 में इस संगठन को पोटा के तहत प्रतिबंधित किया गया था। रेबती राज्य के प्रमुख जनजाति नेताओं में शामिल हैं।
सीएए के विरोध के नाम पर जामिया में हुई हिंसा के दौरान एक वीडियो सामने आया था। इसमें मौके पर अमानतुल्लाह हिंसक भीड़ के साथ नजर आए थे। उन्होंने विरोध के नाम पर हिंसा करने वाले छात्रों के समर्थन की बात भी कही थी।
आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि इसके जरिए मोदी सरकार ने महात्मा गॉंधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा किए गए वादे को पूरा किया है।
अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान पीआरसी ने 39 इस्लामिक देशों में एक सर्वेक्षण किया था। उन्होंने मुस्लिमों से पूछा कि क्या वे अपने देश को शरियत कानून के अनुसार चलाना चाहते है? जवाब में अफगानिस्तान के सभी लोगों (99 प्रतिशत), पाकिस्तान के 84 प्रतिशत और बांग्लादेश में 82 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके यहाँ आधिकारिक कानून शरियत ही होना चाहिए।
उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि कि हमारे मुस्लिम में उतना पढ़ा-लिखा समाज नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मुस्लिम
गुमराह हैं और इसलिए वो विरोध-प्रदर्शनों का हिस्सा बन जाते हैं और हाथ में हथियार उठा लेते हैं।
पंकज ने खुद को गौरी तिवारी का बेटा बता तहसीलदार को झॉंसा देने की कोशिश की। लेकिन, एक पुलिसकर्मी ने कहा- साहब यह भी पत्थरबाजी कर रहा था। इसे मैंने खुद देखा है। इसके बाद कथित पंकज ने मुॅंह खोला तो उसका भेद भी खुल गया।