पर्युषण पर्व जहाँ श्वेतांबर के लिए 8 दिन का होता है वहीं दिगंबर 10 दिन तक मनाते हैं। जिसे 'दसलक्षण' कहते हैं। ये दसलक्षण हैं- क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन एवं ब्रह्मचर्य।
जहाँ ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में। राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाई जाने वाली होली का विशेष रंग है।
रंगभरी एकादशी वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती है, पर काशी जैसा उत्साह शायद ही कहीं दिखता है। रंग-गुलाल से सराबोर काशी की यह परंपरा 357 साल पुरानी है। आज से बुढ़वा मंगल तक अब हर तरफ बनारस में एक ही रंग दिखेगा और वह रंग है होली का।