रिलीज से पहले विवादों में घिरी छपाक फ़िल्म के निर्देशक मेघना गुलजार को दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि फ़िल्म में एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के वकील अर्पणा भट्ट को क्रेडिट दिया जाए, क्योंकि...
प्रथमतया सर्दी का मौसम सड़क पर धरना प्रदर्शन के लिए अनुकूल नहीं होता है। सर्दियों का समय समाजवाद के शीतनिद्रा में जाने के लिए उपयुक्त होता है। समाजवादी सौंदर्यशास्त्र के साथ भी सर्दियाँ ठीक नहीं जाती। एक अच्छा वामपंथी कम नहाया हुआ, दाढ़ी बढ़ाया हुआ, महँगा कुर्ता पहन कर ग़रीबों के लिए व्यथित भाव लिए दिखता है।
जावड़ेकर के इस ट्वीट के बाद तमिल इंडस्ट्री और रजनीकांत के फैंस के साथ-साथ अन्य सिनेप्रेमियों ने भी ख़ुशी जताई। जावड़ेकर ने लिखा कि भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में रजनीकांत द्वारा पिछले कई दशकों में दिए गए उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करने का फ़ैसला लिया है।
जो पुलिस व्यवस्था पिछली सरकार में कुछ ख़ास नहीं कर रही थी, वही यूपी पुलिस इस सरकार में बदले रूप में कैसे दिखती है, इस पर भी अलग अलग वजहें गिनाई जा सकती हैं। हाँ, बदला निजाम सबको पसंद आ रहा या नहीं, कुछ लोग भीतर ही भीतर इससे नाराज तो नहीं होंगे, इसके बारे में भी सोचा जा सकता है।
अपने फैंस के बीच 'डार्लिंग' और 'रिबेल स्टार' के नाम से लोकप्रिय तेलुगू अभिनेता प्रभास द्वारा पूरे भारत में लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बन रही फ़िल्म का पोस्टर जारी करना सिनेप्रेमियों के लिए एक बड़ा लम्हा होगा।
एक ट्वीट में प्रियंका ने कहा, “हिंदी सिनेमा में इसी आस्था के लोगों ने सफलता के कई कीर्तिमान गढ़े हैं, क्या उन्हें धर्म के बारे में पता नहीं है? कुछ ने जायरा के फैसले की विनोद खन्ना के उस फैसले के साथ बराबरी की है। जब विनोद खन्ना ने कहा था कि उनका धर्म उनके करियर के चुनाव करने के दौरान आड़े आ रहा है?”
दरअसल, ज़ायरा वसीम ने यह कहकर बॉलीवुड को बॉय-बॉय कह दिया कि अपने काम से ख़ुश नहीं हैं। अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने लिखा कि वो ख़ुश इसलिए नहीं हैं क्योंकि बॉलीवुड उन्हें उनके अल्लाह और उनके मज़हब इस्लाम से दूर कर रहा था।