भाजपा के ग्राम प्रधान के साले के ससुर के किसी बयान को उठा कर भाजपा के झूठ के रूप में प्रचारित कर एक-एक घंटे का शो कर लेने वाली तथाकथित पत्रकारों की इस जमात ने राहुल-भंडारी कनेक्शन पर आँखें मूँद ली। इन्हे साँप सूंघ गया।
ज्योति मल्होत्रा को पी चिदंबरम ने जैसे धमकी दी, ऐसा अगर भाजपा के किसी मंत्री ने किया होता तो 'लोकतंत्र खतरे में' और 'मीडिया पर अंकुश' या 'सुपर-इमर्जेंसी' जैसा कुछ भयंकर ट्रेंड कर गया होता ट्विटर पर।
दामाद जी को प्रवर्तन निदेशालय के दफ़्तर में हाज़िरी लगानी पड़ रही है। चिटफंड घोटालों की आँच ममता तक जा पहुँची है। फ़र्जी कंपनियों की पोल खुल रही है। इसीलिए, लोकतंत्र ख़तरे में है।
कहानी इसलिए क्योंकि कभी स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल मर जाता है, तो कभी स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी को भुला दिया जाएगा। उदाहरण इसलिए क्योंकि आपको मतलब हो या न हो, पार्टी आलाकमानों के बड्डे याद कराना नहीं भूलते नेता'जी' लोग।
राजीव सक्सेना वो शख़्स है, जो स्विट्ज़रलैंड में अलग-अलग बैंक एकाउंट्स को चलाता है। इन बैंक अकाउंट्स में अगस्ता वेस्टलैंड से आई किक बैक्स की रकम डाली गई थी।
ईडी के अनुसार, सक्सेना, उसकी पत्नी और दुबई स्थित उसकी दो फर्मों ने धन शोधन किया है। सक्सेना और तलवार को पटियाला कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
जहाँ उस समय अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार की बात करती थी, अब भारत को पॉजिटिव नजरों से देखते हुए ऐसे देशों की सूची में रखती है, जिनका प्रदर्शन बेहतर होने की उम्मीद है।
पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में ज़मीन का आवंटन बहाल किया और 30 अगस्त 1982 में ज़मीन आवंटित कर दी।