“वे पर्यटक वीजा पर यहाँ आए थे लेकिन मजहबी सम्मेलनों में भाग ले रहे थे, यह वीजा नियमों के शर्तों का उल्लंघन है। हम लगभग 800 इंडोनेशियाई प्रचारकों को ब्लैकलिस्ट करने जा रहे हैं ताकि भविष्य में वे देश में प्रवेश न कर सकें।”
निजामुद्दीन में एक भीड़ जुटती है - मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत कई देशों के करीब 2500 लोग यहाँ आते हैं। कोरोना के बवाल के बावजूद यह सब होता है। नतीजा - दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव के हालिया मामले में से 50% से ज्यादा सिर्फ इस एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग।
पुलिस ने मौलाना को समझाया कि पहले कुछ दिनों में तो किसी को कोरोना हो भी तो इसके लक्षण पता नहीं चलते, इसीलिए ये पता करना मुश्किल हो जाता है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। मौलवी ने दावा किया कि अल्लाह का घर बंद नहीं होगा और मस्जिद में आने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं रोका जाएगा।
मवाना में दारोगा नरेंद्र सिंह ने शहर काजी मौलाना नफीस, एडवोकेट असलम, नईम सौफी समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 188, 269, 270 व 14 विदेशी अधिनियम, महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि ये सभी लोग निजामुद्दीन इलाके के किसी मस्जिद में रुके हुए थे। ये सभी जमात के लिए आए हुए थे। इसमें से कई लोग तो सऊदी अरब आदि देशों की यात्रा से लौटे थे। अभी फिलहाल सभी की जाँच की जा रही है।
गाँव में पहले से ही एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद भी समुदाय के लोग मस्जिद में एकत्र होकर नमाज अदा करने सा बाज नहीं आ रहे। और तो और, मौलाना मस्जिद में बैठकर माइक से लोगों को नमाज के लिए इकट्ठा करने का ऐलान कर रहा था।
पुलिस को देखकर नमाज पढ़ रहे लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। कई लोग छत से लटक कर कूद गए। पुलिस ने दोनों भाइयों दीन और आस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए दोनों भाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
रहमानिया मस्जिद से एक किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू। क्योंकि 12 मार्च को ओमान से आया कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति 24 मार्च तक इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने आता रहा जबकि उसे खाँसी बुखार के लक्षण थे। यह खुद 200 से ज्यादा लोगों से मिला है। और इसके परिवार के 32 लोग हजारों लोगों से!
चीनियों के अलावा 4-4 मौलवी किर्गिस्तान और कजाकिस्तान से हैं। इन्होंने बताया है कि ये करीब एक महीने से भारत में हैं और कई मस्जिदों में पनाह ले चुके हैं। जहॉं से इन्हें पकड़ा गया उस मस्जिद में ये बीते पॉंच दिन से ठहरे थे।