'ग्वेरावादियों' ने ऐसी किसी भी चीज़ से मुँह मोड़ लिया, जो ग्वेरा की आदर्श छवि के साथ फिट नहीं बैठती। ग्वेरा निश्चित ही एक जल्लाद था। उसकी नजरों में इंसानों की मौत कुछ भी नहीं थी।
मार्क्स या माओ के जीवन दर्शन की राह पर चलने वाले वामपंथी अतिवादी बौद्धिक जैव विषाणुओं से अधिक हिंसक हैं। इस नरपिपासु वर्ग ने ही कोरोना जैसे विषाणुओं का आविष्कार करके दुनिया को अभूतपूर्व त्रासदी की स्थिति तक पहुँचा दिया है।
पश्चिम बंगाल की 5 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल में विधायकों के आँकड़े के लिहाज से 4 राज्यसभा सीटें टीएमसी के हिस्से में जाना तय हैं और बाकी एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।
जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।