सीताराम येचुरी ने कहा है कि मस्जिद में मूर्तियों की स्थापना गंभीर रूप से कानून का उल्लंघन है। बावजूद इसके जमीन कानून तोड़ने वालों को दे दी गई। साथ ही एएसआई भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात साबित नहीं कर पाई।
"मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लोग देश में उन्माद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वे उन मुस्लिम भाइयों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शांति और भाईचारे का परिचय दिया है।"
राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उद्धव ने 24 नवंबर को अयोध्या जाने का ऐलान किया था। पिछले साल उन्होंने राम मंदिर के लिए 'चलो अयोध्या' आंदोलन की शुरुआत की थी। नारा दिया था- पहले मंदिर फिर सरकार।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह अपने पुराने स्टैंड पर अब भी कायम है। एआईएमपीएलबी ने भी पहले कहा था कि उसे सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर होगा। मस्जिद के लिए जमीन लेने के संबंध में बोर्ड 26 नवंबर को फैसला करेगा।
जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम पक्ष ने राम मंदिर फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही, वहाँ सय्यद कासिम रसूल इल्यास मीडिया को संबोधित कर रहे थे। सय्यद कासिम कोई और नहीं, उमर खालिद के अब्बू हैं। यह कभी SIMI के मेंबर भी थे, जिसे बाद में आतंकी संगठन...
बोर्ड ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेने से इनकार किया है। कहा है कि इस्लमिक व्यवस्था में एक बार जहाँ मस्जिद बन गई, वहाँ मस्जिद ही रहती है। साथ ही रामलला को 'ज्यूरिस्टिक पर्सन' मानने पर भी सवाल उठाए हैं।
तेलंगाना के गृह मंत्री का कहना है कि महिलाओं पर लगाए गए आरोपों से हैदराबाद ही नहीं दिल्ली के लोग भी दुखी हैं। इसे देखते हुए मामले की जॉंच के आदेश दिए गए हैं। उनकी माने तो जिस फैसले से उलेमा सहमत हैं, उसका महिलाएँ विरोध ही नहीं कर सकतीं।
"पीएम मोदी की वर्तमान सरकार को भारत में 'हिंदू राज (शासन) स्थापित करने का अधिकार' है और यदि भारतीय राजनेता असदुद्दीन ओवैसी और उनके जैसे अन्य को भारत पसंद नहीं है, तो उन्हें पाकिस्तान चले आना चाहिए।"
मौलाना अरशद मदनी ने बाबर को भी क्लीन चिट देते हुए कहा था कि बाबर ने जबरन मंदिर तोड़ कर मस्जिद नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि मस्जिद तोड़ कर बनाए गए मंदिर में नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है। उन्होंने इस बात को भी नकार दिया कि जिस मस्जिद में नमाज नहीं होती है, वो मस्जिद नहीं है।
राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंक ने उन खाता धारकों के लिए विशेष पुरस्कार की भी घोषणा की है जिन्होंने सवा लाख राम नाम जमा कर रखे हैं। इस बैंक की न तो कोई एटीएम है और न ही कोई चेक बुक।