घटना के कुछ देर बाद रिकॉर्ड किए गए वीडियो में पीड़िता और उनकी माँ ने बलात्कार की बात नहीं कही लेकिन मुख्य अभियुक्त का नाम लिया है और हत्या के प्रयास की बात की है।
आरोपित ताहिर फैशन अड्डा नाम से कपड़ों की दुकान चलाता था। युवती को बंधक बनाने के बाद ताहिर ने उस पर शादी का दबाव भी बनाया था लेकिन पीड़िता ने उसकी यह बात स्वीकार नहीं की।
जब शोषित समाज के वंचित कहे जाने वाले तबकों से हो और आरोपित तथाकथित ऊँची मानी जाने वाली जातियों से, तो मीडिया लिंचिंग के लिए एक बढ़िया मौका तैयार हो जाता है।
हाथरस में आरोपित की जाति पर जोर देने वाली रोहिणी सिंह जैसी लिबरल, बलरामपुर में दलित से रेप पर चुप हो जाती हैं? क्या जाति की तरह मजहब अहम पहलू नहीं होता?