कॉन्ग्रेस विधायक के साले पर आरोप है कि उसने की छात्रा को लिफ्ट देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। इस मामले में पंचायत बिठाकर आरोपित को दो थप्पड़ लगाकर माफी मँगवाकर पूरे प्रकरण को दबाने का प्रयास किया गया।
पीड़िता ने शिकायत में कहा है कि शादी का वादा करने के बाद 2 जनवरी को अली उसे एक गेस्ट हाउस में ले गया। वहाँ उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। रेप के बाद अली फरार हो गया। उसने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए।
पीड़िता के सौतले पिता मोहम्मद असलम खान (बदला हुआ नाम) ने पहली बार पीड़िता के साथ 7 साल की उम्र में दुष्कर्म किया था और फिर इसके बाद वो पीड़िता के 16 साल के होने तक उसके साथ रेप करता रहा।
गाँव के लोग मोहम्मद सरफराज को पुलिस के हवाले करने के बजाए पंचायत ले गए। पंचायत का फैसला आश्चर्यजनक रहा। फैसले के अनुसार, सरफराज को टकला करके जूते-चप्पल की माला पहनाकर गाँव में घुमाया गया और फिर छोड़ दिया गया। पीड़िता के पिता केस करना चाह रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने मना कर दिया।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि लड़की के भाई ने अपनी बहन के हाथ-पैर बाँधकर कई बार उसके साथ रेप किया था। मालूम हुआ कि दिसंबर से लेकर अब तक दोनों भाई-बहन घर में अकेले रहते थे, इसी दौरान उसके भाई ने दुष्कर्म को अंजाम दिया।
पादरी ने खुद को रेप मामले में बचाने की इस कदर 'कोशिश' की थी कि पीड़ित नाबालिग छात्रा के पिता ने ही खुद रेपिस्ट होने की बात पुलिस के सामने कबूल कर ली थी। हालाँकि बाद में वो सुनवाई के दौरान टूट गए, जिसके बाद इस पादरी का डीएनए टेस्ट करवाया गया, जो पीड़िता के बच्चे से मैच कर गया।
पीड़िता शाम को जब ऑफिस का काम खत्म करने के बाद निकलने वाली थीं, तभी शराब के नशे में धुत्त प्रधान लिपिक महमूद आलम ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और दुष्कर्म करने का प्रयास किया। CCTV से पता चला कि वह पूरे दिन 4 बार पीड़िता के कमरे में गया था, और शाम को तो...
अकबर खान ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। उसे पहचानने की वजह से कहीं बच्ची परिजनों को बता न दे। इसलिए अकबर ने मारने की नियत से बच्ची के सिर पर पत्थर मारा। इससे वह बेहोश हो गई। बच्ची को मरा समझकर अकबर ने खंडहर में पड़े पत्थर, ईंट और बजरी से बच्ची का शरीर दबा दिया।