पत्थरों को तराशने का काम तब भी नहीं रूका था, जब 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के बाद विहिप और आरएसएस को 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह तब भी अनवरत रूप से चल रहा था।
परांदे ने हाल ही में असम में खत्म हुई नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़ंस (एनआरसी) की कवायद और नागरिकता अधिनियम (सिटिज़ेशनशिप बिल) की भी बात की। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दुओं के हित में सिटिज़ेशनशिप बिल में संशोधन किया जाना बेहद ज़रूरी है।
प्रतिनिधिमंडल में संत समिति, अयोध्या के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास; मणिरामदास चानवी के महंत कमलनयन दास; श्री रामचरित्रमण भवन के महंत अवधबिहारी दास; और स्थानीय भाजपा नेता वैश्य विनोद जायसवाल शामिल थे।
दिनदहाड़े हत्या से प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है। आक्रोशित लोगों ने विहिप नेता का शव रख सड़क जाम कर दिया। अधिकारियों के समझाने पर लोग शव को पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए।
प्रतिमा विहिप के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी स्थापित किया जाएगा। इस आयोजन की बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले दुर्गा वाहिनी चार किलोमीटर की शोभा यात्रा निकालेगी। बजरंग दल के कार्यकर्ता मोटरसाइकिल रैली निकालेंगे।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत समन्वय प्रमुख शमशेर सिंह ठाकुर के मुताबिक ईसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। हिंदू संगठनों ने प्रशासन से भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखने की माँग की है।
इस मामले में पुलिस ने 25 पत्थरबाजों को हिरासत में लिया है। फिलहाल, हालात नियंत्रण में हैं। बताया जाता है कि रविवार रात भी पुलिस को पथराव की घटनाओं की सूचना मिली। इसके बाद देर रात लोगों की धड़पकड़ की गई।
"जब से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तेज हुई है, राम भक्त भी उत्साह में हैं। मंदिर के लिए नक्काशीदार पत्थर की शीट्स और खम्भों की सफाई चालू है। पत्थरों को तेजी से तराशने का फैसला अयोध्या और अन्य स्थानों के संतों के सुझावों के अनुसार होगा और इस सम्बन्ध में बातचीत चालू है।"