प्रोफेसर बद्री नारायण, जो सुहेलदेव और भगवान श्रीराम को मिथक बता चुके हैं। प्रोफेसर तेज प्रताप सिंह, जिन पर नक्सली हिंसा के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराने का आरोप है। दोनों MGCUB के कुलपति की रेस में शामिल।
भारतीय ऐतिहासिक साहित्य के अंतर्गत वेद-वेदाङ्ग, उपनिषद, जैन-बौद्ध साहित्य और पुराणों के बारे में भी पूरा ज्ञान दिया जाएगा। ब्राह्मी, खरोष्ठी, पाली, प्राकृत और तिगलारी के साथ-साथ संस्कृत भाषा का इतिहास पढ़ाया जाएगा।
प्रोफेसर बद्री नारायण तिवारी ने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया गया था कि हिन्दू झूठी कथाओं के जरिए दलितों को फुसला कर अपनी तरफ खींच रहे हैं। अब MGCUB के कुलपति बनने की रेस में।
NCERT के पास भारत में सती प्रथा की उत्पत्ति या प्रभाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एनसीईआरटी के जवाब के अनुसार, ASI के आधार पर विभाग की फाइलों पर अभिलेखों/तथ्यों के स्रोत उपलब्ध नहीं हैं।
"हम तेरे (कोरोना) अधिकार को समाप्त करते हैं। जहाँ से तू आया है, तुझे हम वहीं भेज देते हैं यीशु के नाम से। आज से और इसी घड़ी से इसी समय से ये शैतानी शक्ति देश को छोड़ दे।"