खुद तमिल होने के बावजूद स्वामी हिंदी-संस्कृत को भारत की आधिकारिक और राष्ट्रीय भाषाएँ बनाए जाने की वकालत करते रहे हैं। उनके मुताबिक भारत की राष्ट्रीय भाषा संस्कृत होनी चाहिए, जिसे शनैः-शनैः बढ़ावा दे कर आधिकारिक भाषा बनने की तरफ़ ले जाना चाहिए।
"हिंदुओं को पूजा करने का मौलिक अधिकार मुस्लिमों के संपत्ति के अधिकार से ऊपर है। जब भी दोनों के बीच कोई विवाद होता है, तो सुप्रीम कोर्ट हमेशा मौलित अधिकारों के पक्ष में फैसला सुनाता है। मुझे विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय नवंबर में हमारे पक्ष में अपना फैसला सुनाएगा।"
स्वामी की ‘legacy’ के आकलन में पार्टी, विचारधारा और निष्ठा को एक ही चीज़ मानकर देखने पर वे शायद ‘मौकापरस्त’, नज़र आएँगे। लेकिन किसी नेता को आंकने के पैमाने के तौर पर उसके कर्म उसके शब्दों से अधिक सटीक होते हैं और स्वामी को इसी कसौटी पर परखा जाना चाहिए।
पुलिस को चकमा दे स्वामी राज्यसभा में पहुँच चुके थे। सभापति बीडी जत्ती पिछले सत्र में मृत हुए सदस्यों की सूची पढ़ रहे थे। उनके खत्म करने से पहले ही स्वामी ने टोका, "सर, इस सूची में एक और नाम है। इन सत्रों के बीच लोकतंत्र भी मर गया है। इसलिए उसका नाम भी आपको शामिल करना चाहिए।"
"गोवा और कश्मीर के हालातों को देखते हुए मुझे लगता है कि यदि देश में भाजपा एकमात्र पार्टी बच गई तो इससे राष्ट्र का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा। इसका हल क्या है? इटैलियन और उनकी संतानों को हटने के लिए कहें, ताकि उसके बाद ममता संयुक्त कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष बनें।"
पश्चिम बंगाल में 6 चरण में मतदान हो रहे हैं। शुरुआती चरणों में सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएँ पश्चिम बंगाल में हो रही हैं। आज भी वामपंथी नेता मोहम्मद सलीम पर हमला हुआ है।
स्वामी ने लिखा है कि स्मृति ईरानी की डिग्री पर प्रश्न करने वाली कॉन्ग्रेस की भुलक्कड़ प्रवक्ता को पहले प्री-थीसिस में फेल अपने पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी पर विचार करते हुए हुए उनसे उनकी थीसिस और एग्जाम रिजल्ट माँगना चाहिए।