मोहम्मद आसिफ खान नाम का एक मुसलमान ट्वीट करते हुए कहता है कि अयोध्या में एक 500 साल पुरानी मस्जिद थी, जिसे आतकंवादियों ने 6 दिसम्बर को ढहा दिया था। उन आतकंवादियों पर केस चलना चाहिए और उस जगह पर सरकारी खर्चे से एक मस्जिद बननी चाहिए और वहाँ पर एक स्मारक भी बनना चाहिए। यही न्याय होगा। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि सामाजिक सौहार्द के लिए मंदिरों की जगह स्कूल और अस्पताल ही बनवा देना चाहिए।
सोशल मीडिया पर कुछ भी बकवास करने वाले लोग भूल जाते हैं कि न तो भारत देश का इतिहास सिर्फ़ 500 साल पुराना है और न ही स्कूल और अस्पताल सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों की जगह ले सकते हैं। स्कूलों और अस्पतालों का अपना महत्व है लेकिन इसे धार्मिक स्थलों की जगह पर ही बनवाने का लॉजिक एक वामपंथी प्रपंच से बढ़कर कुछ नहीं है।
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