7 घंटे तक कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग चली। मीटिंग इस बात पर हुई कि अध्यक्ष कौन बनेगा? हालाँकि, इसका कोई औचित्य नहीं है। ये बस दिखाने के लिए है कि कॉन्ग्रेस में लोकतंत्र है और हर बातें लोकतांत्रिक तरीके से मानी जाती है। ये अलग बात है कि कॉन्ग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गाँधी हैं, और जब उनका मन इससे उबल जाता है, तो राहुल गाँधी को सर्वेसर्वा बनाया जाता है। बीच-बीच में प्रियंका गाँधी को भी मजबूत और सशक्त नेतृत्व के रूप में दर्शाया जाता है।
इस बार थोड़ा सा मसाला देखने को मिला। पार्टी के 23 बुजुर्ग नेताओं ने सोनिया को चिट्ठी लिखकर बदलाव की माँग की। कपिल सिब्बल ने कहा कि 30 सालों से उन्होंने बीजेपी के समर्थन में एक शब्द भी नहीं बोला, फिर भी उन पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगा है। कुछ लोग मीटिंग से भी उठकर चले गए।
पूरा वीडियो इस लिंक पर क्लिक कर के देखें