जून 22, 2020 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालने की अनुमति दे दी। यात्रा पर रोक लगाए जाने के बाद कई याचिकाएँ दाखिल कर शीर्ष अदालत से पुनर्विचार का आग्रह किया गया था। इन याचिकाओं में कहा गया कि यात्रा को सिर्फ पुरी में ही निकालने की इजाजत दी जाए। जगन्नाथ यात्रा को रोकने के लिए ‘ओडिशा विकास परिषद’ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी।
‘ओडिशा विकास परिषद’ NGO का नाम शायद ही कभी पहले सामने आया हो। ये एक अनजाना सा ही नाम है, मगर इसने मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार जैसे वरिष्ठ वकील को अपना पक्ष रखने के लिए चुना। अगर ओडिशा विकास परिषद को कोरोना को फैलने से रोकने, इसके प्रति जागरुक करने या फिर उनकी स्वास्थ्य को लेकर इतनी ही चिंता थी, तो क्या उन्होंने पहले किसी प्रकार का अभियान चलाया? किसी तरह की सेवा प्रदान की?
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