शरद पवार की पार्टी NCP में बगावत करके भाजपा की अगुवाई वाली NDA में शामिल होकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने वाले अजित पवार ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार खुद ही NCP के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते थे और उन्हें सत्ता के साथ जाने के लिए कहा था। अजित पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले को सब पता था।
अजित ने शुक्रवार (1 दिसंबर 2023) को रायगढ़ में आयोजित NCP के अधिवेशन में उन्होंने कहा कि शरद पवार ने खुद लगातार अपनी भूमिका बदली। अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने मई में पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफे की घोषणा की थी। उस समय कुछ नेताओं को उनके फैसले को रद्द करने की माँग करते हुए विरोध प्रदर्शन के लिए कहा गया था।
अजित पवार ने यह भी बताया कि प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, जयंत पाटिल, अनिल देशमुख जैसे 10-12 लोग देवगिरी में बैठे थे। उन्होंने कहा, “हम सोच रहे थे कि आगे क्या करें, फिर हमने सुप्रिया को बुलाया। क्योंकि, हमें लग रहा था कि अगर सीधा शरद पवार को बताया तो वह क्या सोचेंगे। इसलिए पहले सुप्रिया को सब कुछ बताया।”
अजित पवार के अनुसार, तब सुप्रिया ने 8-10 दिन का वक्त माँगा था और कहा था कि ये उन पर छोड़ दीजिए कि करना क्या है। सुप्रिया ने कहा था कि वह शरद पवार को मना लेंगी। इसके बाद अजित समेत बाकी नेताओं ने 8 दिन इंतजार किया। फिर साथ बैठकर फैसला किया कि हमें ही साहब (शरद पवार) से बात करनी चाहिए।”
अजित पवार ने आगे बताया कि इसके बाद वे सीधा शरद पवार के पास गए और अपना फैसला सुना दिया। इसके बाद शरद ने कहा था कि ‘ठीक है, देखते हैं क्या करना है।’ अजित पवार ने कहा कि इसके बाद 1 मई को ध्वज सलामी इवेंट के दौरान शरद पवार ने उन्हें फोन किया और सरकार में शामिल होने के लिए कहा था और बताया था कि वे NCP अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
अजित पवार ने कहा कि शरद पवार इस्तीफा देंगे यह बात किसी को नहीं पता थी। ये बात घर के सिर्फ चार लोग ही जानते थे। उनके इस्तीफा देने के बाद 15 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई और कमेटी ने अध्यक्ष चुनने को कहा था। इसके बाद 2 मई को शरद पवार ने जब इस्तीफा दे दिया तो हर कोई हैरान रह गया।
अजित पवार ने आगे कहा, “बाद में परांजपे मेरे पास आए और मैंने उनसे पूछा कि आप यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं। मेरा मानना था कि इसकी जरूरत नहीं थी। मैंने उनसे (शरद पवार) इस्तीफा नहीं मांगा था।”
अजित पवार ने NCP के तत्कालीन अध्यक्ष को लेकर बताया कि इस्तीफा देने के बाद शरद पवार घर चले गए। इस्तीफा देने के बाद वह आनंद परांजपे और जीतेंद्र आव्हाड को बुलाया और उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए यशवंतराव सेंटर के सामने प्रदर्शन करने कहा। इसके बाद उनके इस्तीफे को लेकर पार्टी में खूब बवाल हुआ था।