रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। शपथग्रहण समारोह में सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे। CM के रूप में पार्टी द्वारा चुने जाने के रेवंत रेड्डी ने सोनिया गाँधी को ‘तेलंगाना की माँ’ और ‘सोनियम्मा’ कह कर संबोधित किया था। KCR के बाद रेवंत रेड्डी दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री की शपथ ली है। इससे पहले राज्य में एक दशक तक KCR की पार्टी BRS का ही शासन था।
तेलंगाना की राजधापाल तमिलसाई सुंदरराजन ने रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई। हैदराबाद स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित शपथग्रहण समारोह में 1 लाख से भी अधिक लोग मौजूद रहे। विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने 64 सीटें अपने नाम की हैं, जबकि BRS को 39 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं भाजपा भी 8 सीटें जीतने में कामयाब रही। रेवंत रेड्डी के अलावा 11 अन्य मंत्रियों ने शपथ ली। दलित समाज से आने वाले मल्लू भट्टी विमरमार्क ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
तेलंगाना में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे N उत्तम कुमार रेड्डी ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन दोनों ने रेवंत रेड्डी को सीएम बनाए जाने का विरोध किया था। इनके अलावा श्रीधर बाबू, पोन्नम प्रभाकर, कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी, दामोदर राजनरसिंह, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, दाना अनुसूया, तुम्मला नागेश्वर राव, कोंडा सुरेखा और जुपल्ली कृष्णा राव ने भी शपथ ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेवंत रेड्डी को बधाई दी है और राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
शपथ लेने से पहले रेवंत रेड्डी ने सोनिया गाँधी के साथ गाड़ी में घूम कर विजय जुलूस भी निकाला। रेवंत रेड्डी TDP से 2017 में कॉन्ग्रेस में आए थे और 2021 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। ABVP से अपनी राजनीति शुरू करने वाले रेवंत रेड्डी महबूबनगर में खासे लोकप्रिय हैं। तेलंगाना में कॉन्ग्रेस ने जिन लोगन को टिकट दिया, उनमें अधिकतर उनके ही लोग हैं।
तुम्मला नागेश्वर राव साथुपल्ली से 1985, 1994 और 1999 में जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं जुपली कृष्णा राव 6 बार के विधायक हैं, जो YSR रेड्डी और किरण रेड्डी की आंध्र प्रदेश कैबिनेट में मंत्री रहे हैं। रेड्डी के ही मंत्रिमंडल में रही उनकी विश्वस्त सुरेखा भी मंत्री बनीं। वहीं दनसरी अनुसूया को ‘सीताक्का’ के नाम से जाना जाता है, जो 14 वर्ष की उम्र में ही ‘जन शक्ति’ नामक नक्सली समूह की सदस्य बन गई थीं। वहीं पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने 2014 में YSRCP के टिकट पर खम्मम लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन फिर वो BRS में चले गए थे।
#WATCH | Telangana CM-designate Revanth Reddy arrives with Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi, at Hyderabad's LB stadium for his oath-taking ceremony. pic.twitter.com/WbAmGAGO4d
— ANI (@ANI) December 7, 2023
2009 में करीमनगर से सांसद चुने गए प्रभाकर यूथ कॉन्ग्रेस में राजनीति कर चुके हैं और लंबे समय से पार्टी के साथ हैं। कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी नलगोंडा से 5 बार विधायक रहे हैं, वहीं भुवनगिरि से सांसद भी रहे हैं। YSR रेड्डी के कैबिनेट में वो आईटी मंत्री हुआ करते थे। श्रीधर बाबू मन्थनी से 5 बार विधायक रहे हैं। N उत्तम कुमार रेड्डी 6 बार के विधायक रहे हैं। वो पहले भारतीय वायुसेना में पायलट थे। कोडक और हुजूरनगर से वो चुने जाते रहे हैं। नरसिम्हा अविभाजित आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री हुआ करते थे।