दिल्ली के बुराड़ी स्थित डीडीए मैदान में आयोजित भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन में शुक्रवार (8 दिसंबर 2023) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे। अमित शाह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान वे बेहद भावुक नजर आए।
कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “मैं आज यहाँ राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कितना गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, इसे मैं आपको नहीं बता सकता। ये अनुभव वही व्यक्ति कर सकता है, जिसकी शुरुआत राजकोट अधिवेशन में पंडाल के अंत में बैठकर हुई और आज वो मुख्य अतिथि बनकर यहाँ खड़ा है।”
हर चुनौतियों के सामने विद्यार्थी परिषद हिमालय की तरह डटकर खड़ी रहती है और उस समस्या का समाधान करती है।
— ABVP (@ABVPVoice) December 8, 2023
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खुद को विद्यार्थी परिषद का ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बताते हुए अमित शाह ने कहा, “हर चुनौतियों के सामने विद्यार्थी परिषद हिमालय की तरह डटकर खड़ी रहती है और उस समस्या का समाधान करती है। जब तक भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर और संपन्न नहीं होता तब तक हमें रुकना नहीं है और इसमें युवाशक्ति की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी।”
उन्होंने कहा, “हमारी विरासत ही हमारे आधुनिक विकास की कुंजी है। आज भारत एक वैश्विक ताकत बन रहा है। आने वाले 25 वर्षों में आपको करोड़ों लोगों के विकसित भारत के स्वप्न को पूरा करना है। भारत का समय आ गया है और हर समस्या के समाधान के लिए विश्व आज भारत की ओर देख रहा है।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन एबीवीपी को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, “आपको तो रास्ता तलाशने की भी जरूरत नहीं है, 75 वर्षों में विद्यार्थी परिषद की पीढ़ियों ने ज्ञान, शील, एकता का जो रास्ता बनाकर रखा है, उसी रास्ते पर आपको चलना है। आपको सिर्फ संकल्प लेने की आवश्यकता है।”
बता दें कि एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरुआत गुरुवार (7 दिसंबर 2023) को हुई। इसकी राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (एनईसी) की बैठक में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल’ और ‘भारतीय स्वाभिमान का प्रतीक श्रीराम मंदिर’ शीर्षक पर प्रस्ताव पारित किए गए। एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुशियार सिंह मीणा और अंकिता पवार ने राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में दोनों प्रस्ताव रखे थे।
पहले दिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दत्ताजी डिडोलकर को समर्पित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन और सामूहिक वंदे मातरम का पगान हुआ। इस अधिवेशन में 8500 कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान 150 दृष्टिहीन छात्रों ने तिरंगे की आकृति बनाकर सामूहिक वंदे मातरम गान का नेतृत्व किया।