Sunday, September 8, 2024
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कन्नड़ के नाम पर बेंगलुरु में हिंसा: दुकानों पर हमले, उखाड़ रहे बिलबोर्ड… लोगों ने पूछा – कर्नाटक में कौन करेगा निवेश?

कुछ दिन पहले भी इन कार्यकर्ताओं द्वारा कई दुकानदारों को परेशान करने के वीडियो सामने आए थे। इन्होंने गाड़ियों पर स्पीकर लगा कर दुकान पर कन्नड़ में बिलबोर्ड लगाने को कहा था। इसके बाद अब इन्होंने तोड़फोड़ की।

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में क्षेत्रवाद और भाषाई अतिवाद तेज़ी से बढ़ता हुआ दिख रहा है। बुधवार (27 दिसम्बर, 2023) को इसकी हद हो गई जब कथित कन्नड़ ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में दुकानों पर हमला बोल कर कई जगह उनके बिलबोर्ड कन्नड़ में ना लिखे होने के कारण क्षतिग्रस्त कर दिए और खूब उत्पात मचाया

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आयुक्त तुषार गिरी नाथ के एक फैसले के कारण बवाल मचा हुआ है। तुषार गिरी नाथ का कहना है कि बेंगलुरु की सभी दुकानों, शॉपिंग मॉल और अन्य सभी प्रतिष्ठानों को अपने दुकान के नाम के बोर्ड 60% हिस्सा कन्नड़ भाषा में लिखना होगा। ऐसा ना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इसके लिए तुषार गिरी नाथ ने 15 दिनों का समय दिया है। हालाँकि, कन्नड़ भाषा के लिए संघर्ष करने का दावा करने वालों ने इसे लेकर आज ही कोहराम मचा दिया। कन्नड़ क्षेत्रवाद का दावा करने वाले एक समूह कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने बेंगलुरु में जम कर उत्पात मचाया।

लाल और पीले साफे पहने इसके कथित कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में तमाम प्रतिष्ठानों के बिलबोर्ड उखाड़ दिए। अंग्रेजी में लिखे दिखने वाले अधिकांश बिलबोर्ड को इन्होंने उखाड़ा और दुकानों में तोड़फोड़ की। इस दौरान राज्य की पुलिस देखती रही और इन्हें रोक नहीं पाई।

इस गुंडागर्दी के अब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो में दिखता है कि मात्र छोटी दुकानों को ही नहीं बल्कि हर प्रकार के प्रतिष्ठान को निशाना बनाया गया। इसमें स्टारबक्स कॉफ़ी, थर्ड वेव कॉफ़ी और अन्य कई ब्रांड के स्टोर पर जाकर तोड़फोड़ की। ‘कर्नाटक रक्षणा वेदिके’ के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान प्रतिष्ठानों के मालिकों को धमकाया भी।

बेंगलुरु में हुई आज तोड़फोड़ को लेकर कई लोग सोशल मीडिया पर रोष प्रकट कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी हिंसा में कोई राज्य में निवेश करने क्यों आएगा? वहीं कर्नाटक पुलिस ने कुछ बेकाबू प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।

कुछ दिन पहले भी इन कार्यकर्ताओं द्वारा कई दुकानदारों को परेशान करने के वीडियो सामने आए थे। इन्होंने गाड़ियों पर स्पीकर लगा कर दुकान पर कन्नड़ में बिलबोर्ड लगाने को कहा था। इसके बाद अब इन्होंने तोड़फोड़ की।

गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के समय भी कन्नड़ भाषा सीखने का मुद्दा काफी उठाया गया था। इस दौरान कई ऐसे वीडियो भी सामने आए थे जिनमें कन्नड़ ना बोलने वालों को सड़क पर रोक कर परेशान किया गया था। अब इस मामले ने दोबारा जोर पकड़ लिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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