मध्य प्रदेश के भोपाल में कॉन्ग्रेस कार्यालय में दो गुटों के बीच झड़प हो गई। एक गुट दिग्विजय सिंह का समर्थन करता है, जबकि दूसरा गुट कमलनाथ का समर्थन करता है। दोनों गुटों के नेता और कार्यकर्ता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। झड़प के दौरान दोनों गुटों के नेताओं ने एक-दूसरे को धक्का-मुक्की की और गालियाँ दीं। कुछ नेताओं ने एक-दूसरे पर कुर्सियाँ भी फेंक दीं। इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
घटना के अनुसार, राज्य कॉन्ग्रेस के दो वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ। झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के नेता एक-दूसरे पर गाली-गलौज करने लगे। झगड़े के दौरान एक नेता ने दूसरे नेता पर कुर्सियाँ फेंकी। जानकारी के मुताबिक, यह घटना सोमवार (29 जनवरी, 2024) को हुई। भोपाल के कॉन्ग्रेस कार्यालय में कॉन्ग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान और अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार के बीच झड़प हो गई। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की की और जमकर गलियाँ बकी। इस दौरान वहाँ मौजूद लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया।
इस दौरान मौके पर मौजूद दूसरे नेताओं ने दोनों नेताओं को अलग किया। बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को लेकर विवाद हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार को कमलनाथ समर्थक बताया जाता है वहीं कॉन्ग्रेस प्रवक्ता शहरयार खान को दिग्विजय समर्थक माना जाता है। दोनों के बीच दिग्विजय सिंह को गाली देने को लेकर हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि मामला मारपीट तक पहुँच गया।
बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने इस घटना का वीडियो एक्स पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “कमलनाथ जी समर्थक द्वारा दिग्विजय सिंह जी को गाली बकने को लेकर PCC में जमकर चले लात-ठूँसे कुर्सियाँ चली , जमकर एक दूसरे को गालियाँ बकी गईं। बीच-बचाव करने आए कमलनाथ समर्थक एक नेता को भी लात-घूसे पड़े।”
कमलनाथ जी समर्थक द्वारा दिग्विजय सिंह जी को गाली बकने को लेकर पीसीसी में जमकर चले लात-ठूँसे…
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) January 29, 2024
कुर्सियाँ चली , जमकर एक दूसरे को गालियाँ बकी गई…
बीचबचाव करने आये कमलनाथ समर्थक एक नेता को भी लात-ठूँसें पड़े… pic.twitter.com/wtWQ0sFsWp
ये घटना मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उनके समर्थकों की संख्या भी बड़ी है। ऐसे में इन दोनों नेताओं के बीच मतभेद कॉन्ग्रेस के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इस घटना के बाद कॉन्ग्रेस को अपने नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। अगर कॉन्ग्रेस इस घटना को गंभीरता से नहीं लेती है, तो इससे पार्टी को चुनावों में नुकसान हो सकता है।