Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाजो रूस में भारतीय दूतावास की सिक्योरिटी में था तैनात, वो निकला ISI का...

जो रूस में भारतीय दूतावास की सिक्योरिटी में था तैनात, वो निकला ISI का एजेंट: यूपी ATS ने पाकिस्तान के लिए काम कर रहे जासूस को दबोचा

सत्येंद्र सिवाल को यूपी ATS ने मेरठ से पकड़ा। एटीएस को सूचना मिली थी कि सत्येंद्र सिवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा है।

उत्तर प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने मेरठ से एक ऐसे ISI एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से जुड़ा रह चुका है। आरोपित का नाम सत्येंद्र सिवाल है और वह हापुड़ का रहने वाला है। वह रूस के मॉर्को में भारतीय दूतावास में मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) के पद पर तैनात था। वो महत्वपूर्ण जानकारियाँ अपने आईएसआई हैंडलर को भेज रहा था। इसके लिए वो पैसे देकर जानकारियाँ निकाल रहा था और फिर उसे पाकिस्तान भेज रहा था।

‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्येंद्र सिवाल को यूपी ATS ने मेरठ से पकड़ा। एटीएस को सूचना मिली थी कि सत्येंद्र सिवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा है। इसके बाद एटीएस ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। ATS ने जब सत्येंद्र सिवाल को गिरफ्तार किया तो उसके पास से कुछ संदिग्ध दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। उसके कब्जे से 2 मोबाइल भी बरामद हुए थे।

पूछताछ में सिवाल ने कबूल किया कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा था। सिवाल ने बताया कि आईएसआई के एजेंटों ने उसे भारतीय दूतावास से संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने का काम दिया था। वो पैसे देकर आर्मी से जुड़ी जानकारियाँ हासिल कर रहा था और फिर से अपने हैंडलर को भेज रहा था। वो मॉस्को में तैनाती के दौरान ही पाकिस्तान के लिए काम करने लगा था, या बाद में, अभी सुरक्षा एजेंसियाँ इसका पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

एटीएस अब सत्येंद्र सिवाल से पूछताछ कर रही है। एटीएस को उम्मीद है कि सत्येंद्र सिवाल से पूछताछ में आईएसआई के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है। यह गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी सफलता है। साथ ही यह घटना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है। एजेंसियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि आईएसआई जैसे आतंकवादी संगठनों के एजेंटों को भारत में घुसपैठ करने से रोका जा सके।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -