एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्टेज से नीचे उतर कर एक महिला सिक्योरिटी गार्ड का हालचाल लिया। दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व अवॉर्ड समारोह में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान मंच के सामने एक महिला सुरक्षाकर्मी का पैर मुड़ने की वजह से संतुलन बिगड़ गया और वो नीचे गिर पड़ीं। जब ऐसा हुआ, तब राष्ट्रगान चल रहा था।
राष्ट्रगान ख़त्म होते ही राष्ट्रपति और दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने मंच से नीचे उतर कर उक्त महिला सुरक्षाकर्मी का हालचाल पूछा। महिला सुरक्षाकर्मी से बातचीत करने के बाद राष्ट्रपति और दोनों मंत्री वापस मंच पर लौट गए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने महिला सुरक्षाकर्मी को पानी का बोतल दिया। राष्ट्रपति और वित्त मंत्री के इस व्यवहार से सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी तारीफ की। आमतौर पर राष्ट्रगान पूरा होने के बाद राष्ट्रपति मंच से चले जाते हैं।
#WATCH A woman security personnel deputed at National Corporate Social Responsibility Awards event collapsed during playing of National Anthem, today.President Kovind, FM Nirmala Sitharaman & MoS Finance Anurag Thakur came down the stage to inquire about her health. #Delhi pic.twitter.com/HUSvzkizHu
— ANI (@ANI) October 29, 2019
इस घटना के दौरान कॉर्पोरेट मामलों के राष्ट्रीय सचिव इंजेटी श्रीनिवास भी वहाँ पर मौजूद थे। सीएसआर पुरस्कार कॉर्बोरेट मामले मंत्रालय की तरफ़ से ही दिए जाते हैं। इसमें समावेशी उपक्रम संचालित करने वाली कॉर्पोरेट कंपनियों को अवॉर्ड दिए जाते हैं। कुल 19 विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता है। इस श्रेणी में उन कंपनियों को शामिल किया जाता है, जो दुर्गम परिस्थितियों में अच्छा कार्य कर रही हैं। ये कम्पनियाँ नक्सल इलाक़ों में महिला विकास, पेयजन और बाल विकास जैसे अभियान में मदद देने के लिए कार्य करती हैं।
इससे पहले भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीत चुके हैं। एक कार्यक्रम के दौरान जब उन्होंने अपने शिक्षक त्रिलोकी नाथ टंडन को देखा तो वो तुरंत मंच से नीचे उतरे और कुर्सी पर बैठे वयोवृद्ध शिक्षक के पाँव छू कर आशीर्वाद लिया। राष्ट्रपति ने 85 वर्षीय टंडन के सौ साल जीने की कामना की, जिसके जवाब में टंडन ने मजाकिया लहजे में कहा कि वो इसके लिए तैयार हैं।
इसीलिए मैं मानता हूँ कि इस देश को किसी गंगा-जमुनी टाइप ‘तहज़ीब’ की नहीं बल्कि सनातन संस्कृति और संस्कारों की ही जरूरत है और यह वही संस्कृति/संस्कार हैं कि भारत के राष्ट्रपति श्री कोविंद जी अपने शिक्षक को सम्मान देने के लिए मंच से नीचे उतरकर आते हैं और उनके चरणों में झुक जाते हैं। pic.twitter.com/YMw2JsIP2W
— Vikash Preetam Sinha (@VikashPreetam) February 26, 2019
वहीं अपने अंग्रेजी के शिक्षक रहे प्यारेलाल को भी राष्ट्रपति ने मंच से नीचे उतर कर सम्मानित किया था और पूछा था कि कहीं वो उन्हें भूल तो नहीं गए। प्यारेलाल 100 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं। उन्होंने प्यारेलाल की बहू से कहा था कि किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर सीधा उनसे संपर्क करें। उस दौरान राष्ट्रपति अपने एकाउंट्स के शिक्षक से भी मिले थे, जिन्होंने उनके स्वभाव की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी।