Saturday, May 11, 2024
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अब आँख निकाली है, ब्रेस्ट काटी है… तब फाड़ा गया था प्राइवेट पार्ट, चीरी गई थी टांग: बंगाल का कामदूनी गैंगरेप, जिसके 9 दोषियों में से सिर्फ 2 अब जेल में

2013 में एक कामदूनी गैंगरेप मामला आया था। उस समय एक कॉलेज की छात्रा का 9 लोगों ने गैंगरेप किया था। बाद में लड़की के शव के साथ भी वीभत्सता हुई थी। लड़की की टांग चीर दी गई थी और प्राइवेट पार्ट फाड़ दिया गया था।

पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद पिछले माह एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आने से चर्चा में था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि वहाँ एक 13 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण के बाद रेप करके उसकी हत्या कर दी गई और जब बच्ची का शव बरामद हुआ तो सबके हाथ-पाँव फूल गए।

दरअसल, सामने आई जानकारी से पता चला था कि बलात्कारी ने उस बच्ची को तड़पा-तड़पा कर मारा और जब वो मर गई तब भी उसके शव के साथ वीभत्सता करता रहा। रिपोर्टों में सामने आया था कि उस मासूम को मारने के लिए उसका गला रस्सी से घोंटा गया था, उसकी आँखी नोच ली गई थीं, और उसकी ब्रेस्ट को काटकर अलग कर दिया गया था। इसके बाद उसके शव में छेद बनाए गए थे जिसमें तेजाब डालकर उसे गलाने का प्रयास हुआ था।

घटना इतनी वीभत्स थी कि सोचकर भी कोई भीतर तक झकझोर जाए। लेकिन चूँकि यह मामला बंगाल का है इसलिए वामपंथी और इस्लामवादियों की लॉबी इस पर लंबे समय से चुप रही। एक बार भी उन्होंने बच्ची के लिए न्याय की गुहार नहीं लगाई। न ही उन्होंने जानना चाहा कि आखिर पीड़ित परिवार का क्या हाल है। नतीजतन परिवार ने इंसाफ के लिए खुद अपनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने कब्र से 20 दिन बाद बेटी का शव निकलवाकर दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया क्योंकि पहले वाली रिपोर्ट में उस वीभत्सता को छिपाया गया था जो बच्ची के साथ घटी।

खैर! ऐसा पहली बार नहीं है कि बंगाल में रेप, हत्या की घटनाओं पर पर्दा डालने का आरोप लगा हो। 2013 में कामदूनी में एक गैंगरेप सामने आया था, वीभत्सता के मामले में उसकी तुलना लोगों ने दिल्ली के निर्भया से की थी। वहीं अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश संचिता सरकार की अदालत ने इस मामले को देख इसे ‘Rarest Of the Rare (दुर्लभतम से भी दुर्लभतम)’ कहा था। पिछले साल 2023 तक उस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। अंत में मामले के 9 आरोपितों में से सिर्फ 2 को आजीवन कारावास की सजा मिली, जबकि बाकी छूट गए।

कामदूनी गैंगरेप से जुड़ी जानकारी

7 जून 2013 को कामदूनी गाँव में एक द्वितीय वर्ष की छात्रा अपने कॉलेज का एग्जाम देकर स्टेशन से अकेले घर लौट रही थी। वहीं सैफुल, अंसार अली समेत 9 की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने उसे छेड़ना शुरू किया लेकिन लड़की उन्हें इग्नोर करके आगे बढ़ने लगी। लड़की का यूँ नजरअंदाज करना उन्हें पसंद नहीं आया और फिर वो उसे पकड़कर खेत में ले गए। खेत में उन्होंने लड़की के साथ क्या किया ये सुनकर शायद किसी की भी रूह काँप जाए।

मीडिया में मौजूद जानकारी बताती है कि आरोपितों ने उसके साथ न केवल गैंगरेप किया बल्कि उसे तड़पा-तड़पा कर मारा। उन्होंने लड़की के साथ हैवानियत इतनी दिखाई कि उसके प्राइवेट पार्ट को रेप के दौरान फाड़ दिया गया। इसके अलावा उसकी टांग खींचकर नाभि तक चीर दी गई और उसे फेंकने से पहले वो जिंदा न बचे इसके लिए उसके गले को रेता गया।

लड़की के भाई ने इस मामले में बताया था कि जब वो खुद कामदूनी से लौट रहा था तो उसने आरोपितों को रास्ते में देखा था। अंसार अली और सैफुल बात कर रहे थे- “आज मजा बड़ा आया, अब घर चलना चाहिए।” इनके बाद उसने बाकी 6 लोगों को भी देखा था। लेकिन तब उसे कुछ पता नहीं था।

खबरों के अनुसार, जब लड़की का शव अगले दिन बरामद हुआ तो लड़की अधनंगी थी। उसके साथ हुई वीभत्सता को देख इस मामले का खूब विरोध हुआ था। उसकी सहेलियाँ दिल्ली तक आईं। लोगों का रोष देख फिर ये मामला सीआईडी को सौंपा गया। जाँच में आरोपितों के अपराध का खुलासा हुआ।

बाद में आरोपित गिरफ्तार भी हुए। लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे सबको राहत दी जाती रही। 9 में से 2 रफीकुल इस्लाम और नूर अली को सबूतों की कमी के कारण बरी किया गया। गोपाल नस्कर ट्रायल के दौरान ही मर गया। शेख इमानुल इस्लाम, अमीनुर इस्लाम और भोला नस्कर जिनको पहले 10 साल की सजा मिली थी, उन्हें भी 2023 मे 10000 का जमानत बॉन्ड लगाकर छोड़ दिया गया। अमीन अली को बाद में बरी किया गया और जो दो मुख्य दोषी बचे सैफुल अली और अंसार अली। जिन्हें फाँसी की सजा मुकर्रर हुई थी उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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