Wednesday, November 27, 2024
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जीत के लिए दिखाई भारत से नफरत, मुस्लिमों को खुश करने के लिए अलापा ‘आजाद कश्मीर’ का राग, फिर भी सोनिया कुमार से हार गए मार्को लॉन्गी: ब्रिटेन के चुनावों का एक नतीजा यह भी

लॉन्गी ब्रिटेन की डडले उत्तरी सीट से 2019 में चुनाव जीते थे और 2024 में फिर से चुनाव में खड़े थे। उनके सामने लेबर पार्टी ने सोनिया कुमार को उतारा था। सोनिया कुमार ने इस चुनाव में 12,215 वोट हासिल किए जबकि लॉन्गी केवल 10,315 वोट हासिल कर सके। उनकी 1900 वोटों से हार हो गई।

ब्रिटेन के आम चुनाव में कश्मीर की आजादी पर मुस्लिमों से समर्थन माँगने वाले कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार मार्को लॉन्गी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें लेबर पार्टी की भारतवंशी उम्मीदवार सोनिया कुमार ने मात दे दी है। लॉन्गी ने चुनाव प्रचार के दौरान हिन्दुओं, भाजपा, पीएम मोदी और कश्मीर पर जहर उगल कर वोट साधने का प्रयास किया था।

लॉन्गी ब्रिटेन की डडले उत्तरी सीट से 2019 में चुनाव जीते थे और 2024 में फिर से चुनाव में खड़े थे। उनके सामने लेबर पार्टी ने सोनिया कुमार को उतारा था। सोनिया कुमार ने इस चुनाव में 12,215 वोट हासिल किए जबकि लॉन्गी केवल 10,315 वोट हासिल कर सके। उनकी 1900 वोटों से हार हो गई।

57 वर्षीय लॉन्गी ने अपने चुनाव प्रचार में भारत के कश्मीर मुद्दे के सहारे वोट बटोरने का प्रयास किया था। मार्को लॉन्गी ने 17 जुलाई, 2024 को एक पत्र जारी किया था, इस पत्र में उन्होंने हिंदू घृणा और भारत विरोधी प्रचार किया था। पत्र में उन्होंने अपनी सीट के इलाके में रहने वाले मुसलमानों से अपील की कि वह उन्हें वोट दें ताकि वह ब्रिटेन की संसद में कश्मीर की ‘आज़ादी’ का मुद्दा उठा सकें।

इस पत्र में डडले में ब्रिटिश पाकिस्तानी और कश्मीरी मुस्लिम मतदाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने उन्हें ईद-अल-अज़हा की बधाई दी थी और इसके बाद बताया कि हाल ही में भारत में भाजपा दोबारा चुनाव जीत गई है। उन्होंने घृणा फैलाते हुए कहा था कि इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में ‘कश्मीर के लोगों के लिए कठिन समय’ होगा।

इस पत्र में लिखा था, “नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह साफ किया है कि वह कश्मीर को लिए पूर्ण राज्य का दर्जा देने जा रहे हैं, इसका मतलब होगा कि कश्मीरियों के सभी अधिकारों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि 2019 में जब वह चुने गए थे तो वह लगातार ब्रिटिश संसद में कश्मीर के मुद्दे पर बोलते रहे थे।

इस पत्र में उन्होंने लेबर पार्टी की उम्मीदवार सोनिया कुमार के नाम को अलग तरीके से बोल्ड अक्षरों में दिखाया था। उनका प्रयास था कि सोनिया को मुस्लिमों के सामने हिन्दू के तौर पर पेश किया जाए ताकि वह उन्हें वोट ना दें। इस पत्र में उन्होंने लिखा, “मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूँ। अगर आप मुझे वोट देते हैं, तो मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं संसद में कश्मीर के लिए अपनी आवाज और भी बुलंद करूँगा और संसद में कश्मीरियों के लिए खड़े होने में सबसे आगे रहूँगा।”

लॉन्गी के इस कदम की आलोचना हुई थी। उनके ऊपर बाँटने की राजनीति करने का आरोप लगाया गया था। लेबर पार्टी के दूसरे उम्मीदवार राजेश अग्रवाल ने भी इस मुद्दे को लेकर लॉन्गी की आलोचना की थी। हालाँकि, लॉन्गी ने इसे मानवाधिकारों का मुद्दा बता कर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया था।

जिस डडले सीट से लॉन्गी को हार मिली है, वहाँ लगभग 50% ईसाई, 6% मुस्लिम और 2% सिख रहते हैं। इसके अलावा यहाँ हिन्दुओं की आबादी लगभग 1% है। ऐसे में लॉन्गी का मुस्लिमों को कश्मीर के बहाने लुभाने का पैंतरा नहीं चल सका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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