Saturday, November 16, 2024
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‘BJP हिंदू पार्टी है, उससे जुड़े व्यक्ति के जनाजे में कोई मौलवी नमाज पढ़ाने नहीं जाएगा’: शिकायत के बाद इमाम राशिद सहित सपा से जुड़े लोगों पर भी FIR

पीड़ितों ने मौलवी के साथ इस करतूत में समाजवादी पार्टी के नेता असलम, शमीम खान, शराफत और मतीन को भी नामजद किया है। आखिरकार इमाम द्वारा इनकार के बाद गाँव के एक अन्य मौलवी को बुलवाया गया और उनसे जनाज़े की नमाज़ पढ़वाई गई। शनिवार को पुलिस ने इन सभी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक मस्जिद के मौलवी ने एक मुस्लिम की मौत के बाद उसके जनाजे की नमाज़ पढ़वाने से इनकार कर दिया, क्योंकि मृतक भाजपा समर्थक था। मामले की शिकायत DM से की गई तो पुलिस ने शनिवार (3 अगस्त 2024) को 5 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया। उधर, मौलवी ने खुद को बेकसूर बताते हुए इसे अपने खिलाफ एक साजिश बता दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना मुरादाबाद जिले के कुंदरकी थाना क्षेत्र की है। यहाँ के कायस्थान मोहल्ले के रहने वाले दिलनवाज़ ने मुरादाबाद के जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी है। शिकायत में दिलनवाज़ ने बताया कि उनके अब्बा अलीदाद खाँ काफी समय से भाजपा समर्थक रहे हैं। 23 जुलाई को हार्ट अटैक से उनका इंतकाल हो गया।

दिलवाज ने कहा कि पास में ही स्थित नवाज़ खान मस्जिद में इमाम मोहम्मद राशिद को जनाजे की नमाज़ पढ़वाने के लिए बुलवाया गया तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया। आरोप है कि इमाम राशिद ने मृतक के बेटे से कहा, “तुम्हारे अब्बू तो बीजेपी को वोट देते थे। बीजेपी हिंदू पार्टी है। हम और हमारे साथ का कोई भी इमाम या मौलवी नमाज़ पढ़ने नहीं जाएगा।”

पीड़ितों ने मौलवी के साथ इस करतूत में समाजवादी पार्टी के नेता असलम, शमीम खान, शराफत और मतीन को भी नामजद किया है। आखिरकार इमाम द्वारा इनकार के बाद गाँव के एक अन्य मौलवी को बुलवाया गया और उनसे जनाज़े की नमाज़ पढ़वाई गई। शनिवार को पुलिस ने इन सभी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है।

मुरादाबाद के जिलाधिकारी IAS अनुज सिंह और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण IPS संदीप मीणा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। इन्होंने बताया कि जाँच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, खुद पर लगे आरोपों को मस्जिद के इमाम मोहम्मद राशिद ने निराधार बताया है।

मौलवी ने मस्जिद की CCTV फुटेज में अपनी बेगुनाही का सबूत होने का दावा करते हुए खुद को फँसाने की साजिश करार दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता नाज़िम सैफी ने भी मृतक के बेटे के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने आरोपित इमाम को अपने सिर का ताज बताते हुए लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित कहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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