भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना के रिश्तेदारों की हत्या के मामले में पठानकोट की जिला अदालत ने सभी 12 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन सभी पर 2-2 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया है। सजा पाने वाले मुल्जिमों के नाम शाहरुख़, मोहब्बत, रिहान, असलम, तजवल बीवी, काज़म, चाहत, जबराना, आमिर, सेहजान, बाबू मियाँ और मैचिंग हैं। मंगलवार (3 सितंबर, 2024) को इन सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की सुनवाई पठानकोट के ADJ जितेंद्र पाल खुरमी की कोर्ट में हुई। लगभग 4 साल तक चले इस मुकदमे में बचाव पक्ष ने दर्जन भर आरोपितों के पक्ष में तमाम दलीलें दीं। वहीं अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में वो तमाम सबूत पेश किए जो घटना को आरोपितों द्वारा ही किया जाना साबित किया। लम्बी बहस के बाद अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी सभी 1 दर्जन आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 2-2 लाख रुपए जुर्माना भी ठोंका है।
सज़ा पाए आरोपितों में औरैया UP का निवासी 28 साल का मैचिंग, राजस्थान के छूंजू का निवासी 46 वर्षीय शाहरुख़ खान, 43 वर्षीय जबरना, 26 साल का मोहब्बत और 29 वर्षीय रिहान, पंजाब के अमृतसर का 44 वर्षीय असलम, UP के सहारनपुर की 53 वर्षीया तजवल बीवी और 60 वर्षीय काज़म, 55 वर्षीय आमिर, 18 वर्षीय सेहजान, कानपुर UP का 38 वर्षीय चाहत और बरेली जिले का 70 वर्षीय बाबू मियाँ शामिल हैं। इन सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। सज़ा पाए सभी आरोपितों पर डकैती और हत्या के आरोप साबित हुए हैं।
बताते चलें कि 19 अगस्त, 2020 की रात पठानकोट जिले के गाँव थरियाल में दर्जन भर हमलावरों ने एक घर को निशाना बनाया था। यह घर ठेकेदार अशोक का था जो क्रिकेटर सुरेश रैना के फूफा थे। हमलावरों ने घर में सो रहे सदस्यों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस दौरान पुरुषों के साथ महिलाओं को भी निशाना बनाया गया था। घटना के समय पीड़ित परिवार के अधिकतर सदस्य छत पर सो रहे थे। इनकी चीख-पुकार सुन कर जब आसपास के लोग जमा होने लगे तो हमलावर भाग निकले थे।
डकैती के मकसद से किए गए इस हमले में सुरेश रैना के 58 वर्षीय फूफा अशोक कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी। उनके 32 वर्षीय बेटे कौशल कुमार ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस हमले में सुरेश रैना की 55 वर्षीय बुआ आशा देवी और उनका 24 साल का बेटा अपिन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों में आशा देवी की 80 वर्षीया सास सत्या देवी भी शामिल थीं। तब पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में FIR दर्ज कर के मामले की जाँच शुरू की थी और बारी-बारी सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।