Sunday, November 24, 2024
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‘माफीनामे से भर दो अख़बार का पहला पन्ना’: ‘इंडियन एक्सप्रेस’, TOI और भास्कर को हाईकोर्ट की फटकार, अल्पसंख्यक संस्थानों को लेकर की थी गलत रिपोर्टिंग

गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि ये माफीनामे काफी अस्पष्ट और छोटे थे। ऐसे में 3 दिन के समय में फिर से माफीनामे छापे जाएँ, वो भी सही हेडलाइन और बड़े अक्षरों में, पहले पूरे पन्ने पर। इस दौरान उस पन्ने पर कोई खबर नहीं होनी चाहिए।

गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर 2024) तीन अखबारों टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई), इंडियन एक्सप्रेस और दिव्य भास्कर के माफीनामे को खारिज कर दिया। ये माफीनामा कोर्ट की कार्यवाही की गलत रिपोर्टिंग के लिए प्रकाशित किया गया था, जिसे छापने का आदेश गुजरात हाईकोर्ट ने दिया था। गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि ये माफीनामे काफी अस्पष्ट और छोटे थे। ऐसे में 3 दिन के समय में फिर से माफीनामे छापे जाएँ, वो भी सही हेडलाइन और बड़े अक्षरों में, पहले पूरे पन्ने पर। इस दौरान उस पन्ने पर कोई खबर नहीं होनी चाहिए।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस प्रणव त्रिपेदी की बेंच ने ये आदेश दिया। दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट मे 22 अगस्त को आदेश दिया था कि टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई), इंडियन एक्सप्रेस और दिव्य भास्कर अगले ही दिन यानी 23 अगस्त को माफीनामा प्रकाशित करें। तीनों अखबारों ने ऐसा किया भी, लेकिन बहुत छोटी सी जगह पर माफीनामा प्रकाशित कर दिया। इसके बाद हाई कोर्ट में एफिडेविट फाइल कर दिया गया।

TOI और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित माफ़ीनामा

इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने वकील से साफ तौर पर पूछा, “आपने इन माफीनामों को मोटे अक्षरों में क्यों नहीं प्रकाशित किया।” इस पर वकील ने कहा कि ऐसा ही किया गया है। लेकिन चीफ जस्टिस ने साफ कहा कि ये पर्याप्त नहीं है। इसे कोई नहीं पढ़ सकता। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा, “आपको पूरी हेडलाइन देनी चाहिए थी कि माफी किस संबंध में है। कौन समझेगा कि माफी किस बात के लिए है… आपको कहना चाहिए कि गलत रिपोर्ट के लिए माफी। यह बात सामने आनी चाहिए। माफी के साथ रिपोर्ट भी होनी चाहिए।” साथ ही कोर्ट ने इन माफीनामों को रिजेक्ट कर दिया और तीनों अखबारों को नए सिरे से माफीनामा प्रकाशित करने के लिए 3 दिन का समय दिया।

सोमवार (2 सितंबर 2024) को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया, “हम उन्हें तीन दिन का अतिरिक्त समय देते हैं कि वे अपने द्वारा प्रकाशित समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठ पर मोटे अक्षरों में सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, जिससे आम जनता को स्पष्ट रूप से सूचित किया जा सके कि इस मामले की सुनवाई के बारे में 13 अगस्त, 2024 को प्रकाशित समाचार पत्रों में उनके द्वारा की गई गलत रिपोर्टिंग के बारे में जानकारी दी गई है।” बता दें कि हाई कोर्ट ने 13 अगस्त 2024 को टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस और दिव्य भास्कर के संपादकों को नोटिस जारी कर उनसे सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों के अधिकारों से संबंधित मामले में कोर्ट की कार्यवाही का “झूठा और अधूरी जानकारी” देने के लिए सफाई माँगी थी।

चीफ जस्टिस ने कहा, “यह कोई मज़ाक नहीं है। आप कोर्ट की प्रतिष्ठा के साथ खेल रहे हैं, आप कोर्ट की कार्यवाही के साथ खेल रहे हैं। आप ऐसा नहीं कर सकते। समाचार पत्रों में कोर्ट की कार्यवाही की रिपोर्टिंग जिस तरह से की जा रही है, उस पर हमें कड़ी आपत्ति है।”

वकील द्वारा न्यायालय से ताजा माफीनामा प्रकाशित करने के लिए एक और अवसर देने के अनुरोध पर, मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि ताजा माफीनामा समाचार के साथ बड़े आकार में, मोटे अक्षरों में होना चाहिए तथा उसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि माफीनामा संपादकों द्वारा पेश किया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अगली बार माफीनामा मुख्य पन्ने पर और बड़ी जगह पर प्रकाशित होनी चाहिए। यही नहीं, इस माफीनामे के अलावा पन्ने पर कुछ और नहीं होना चाहिए।

दिव्य भास्कर की ओर से पेश हुए वकील ने सफाई दी थी कि रिपोर्टर बार और बेंच के बीच के संवाद को गलत समझ लिया होगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि रिपोर्टर कोई आम आदमी नहीं है। अगर उन्हें इतनी भी समझ नहीं है, तो उन्हें कोर्ट की रिपोर्टिंग करने से रोका जाए, यानी उनकी रिपोर्टिंग पर बैन लगाई जानी। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट का समय जितना लगा है, उसकी भरपाई कौन करेगा, इसके बाद वकील ने कोर्ट से माफी माँगी और कोर्ट के निर्देशों को पूरा करने पर सहमति जताई। इस मामले में सीनियर वकील देवांग नानवती इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से पेश हुए, तो वकील एसपी मजूमदार इंडियन एक्सप्रेस की ओर से और गरिमा मल्होत्रा ​​टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से पेश हुए। वहीं, दिव्य भास्कर की ओर से वकील मौलिक जी नानावटी पेश हुए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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