Thursday, October 3, 2024
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जिस स्कूल का तारणहार बना अडानी फाउंडेशन, वहाँ संसाधन-गुणवत्ता पर काम कैथोलिक ननों को नहीं आया रास: कहा- नाम में से ‘माउंट कार्मेल’ निकालो

अडानी फाउंडेशन द्वारा स्कूल का प्रबंधन सँभालने के बाद 'कॉन्ग्रेगेशन ऑफ़ द मदर ऑफ़ कार्मेल (सीएमसी)' से संबंधित ननों ने स्कूल छोड़ दिया। उन्होंने यह भी माँग की है कि स्कूल में अब 'माउंट कार्मेल' को हटा देना चाहिए। नहीं रखा जाना चाहिए। स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल लीना ने कहा कि ननों ने स्कूल छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि वे अडानी समूह के तहत काम नहीं करना चाहती थीं।

भारत स्थित दुनिया की प्रमुख कंपनी अडानी समूह ने अपनी NGO अडानी फाउंडेशन नाम के के माध्यम से महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित घुघुस में एक निजी क्रिश्चियन स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के लगभग नौ स्कूलों के प्रबंधन के हस्तांतरण के लिए एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया है।

इसमें चंद्रपुर जिले के घुघुस में माउंट कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल का प्रबंधन अडानी फाउंडेशन को सौंपना भी शामिल है। स्कूल स्व-वित्तपोषित है और यहाँ कक्षा 1 से 12 तक पढ़ाई होती है। सरकारी निर्णय में कहा गया है, “माउंट कार्मेल कॉन्वेंट हाई स्कूल का प्रबंधन अडानी फाउंडेशन को सौंपने का प्रस्ताव विचाराधीन था। नियम और शर्तों के साथ मंजूरी दी गई है।”

इसमें यह शर्त थी कि अडानी फाउंडेशन विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को नहीं बदल सकता है। इसके साथ उसे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। स्कूल की मंजूरी की शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। आदेश में कहा गया है कि अडानी फाउंडेशन को स्कूल, शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और उनके वेतन आदि के संबंध में नियम-आदेशों का पालन करना होगा।

इसके अलावा, विद्यार्थियों से संबंधित नियम-आदेशों का भी पालन करना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में यह चेतावनी भी दी है कि अगर उसे स्कूल चलाने और कर्मचारियों की सेवा शर्तों के उल्लंघन जैसे नियमों और विनियमों के उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत मिलती है तो प्रबंधन के स्थानांतरण को रद्द करने का अधिकार सुरक्षित है।

उधर, अडानी फाउंडेशन ने कहा है कि ACC लिमिटेड के स्वामित्व वाले माउंट कार्मेल कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधन का हस्तांतरण कार्मेल एजुकेशन सोसाइटी की इच्छा और निर्णय के अनुसार शुरू किया गया था। जून 2023 में एसीसी लिमिटेड ने कार्मेल एजुकेशन सोसाइटी के निर्णय को स्वीकार कर लिया और अडानी फाउंडेशन से स्कूल का प्रबंधन सँभालने का अनुरोध किया था।

दरअसल, इस स्कूल का निर्माण ACC लिमिटेड द्वारा अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत किया गया था। बता दें कि अडानी समूह एसीसी लिमिटेड का बहुमत शेयरधारक है। अडानी फाउंडेशन ने कहा कि स्कूल को बुनियादी ढाँचे में वृद्धि की सख्त जरूरत थी और इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फाउंडेशन ने आधिकारिक तौर पर सितंबर 2024 में प्रबंधन ग्रहण किया।

अडानी फाउंडेशन द्वारा स्कूल का प्रबंधन सँभालने के बाद ‘कॉन्ग्रेगेशन ऑफ़ द मदर ऑफ़ कार्मेल (सीएमसी)’ से संबंधित ननों ने स्कूल छोड़ दिया। उन्होंने यह भी माँग की है कि स्कूल में अब ‘माउंट कार्मेल’ को हटा देना चाहिए। नहीं रखा जाना चाहिए। स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल लीना ने कहा कि ननों ने स्कूल छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि वे अडानी समूह के तहत काम नहीं करना चाहती थीं।

लीना ने कहा, “अडानी की प्राथमिकता व्यावसायिक हित हैं। उनकी नीति और हमारी नीति पूरी तरह से अलग है, इसलिए हम स्कूल छोड़ दिए।” साल 1972 से नन ने ACC के स्वामित्व वाले इस स्कूल का प्रबंधन किया है। इस ACC (Associated Cement Companies) लिमिटेड सीमेंट फैक्ट्री को अडानी समूह ने साल 2022 में स्विट्जरलैंड स्थित होलसिम से अधिग्रहण कर लिया था।

इसी साल यानी 2022 में ही लगभग 2,000 छात्रों वाले इस को-एड विद्यालय ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी। अब यह अडानी फाउंडेशन के अधीन है। बता दें कि अडानी फाउंडेशन की स्थापना साल 1996 में की गई थी। यह वर्तमान में 19 राज्यों के 6,769 गाँवों में काम करता है और नए भारत की उभरती जरूरतों को पूरा करना चाहता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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