Saturday, October 12, 2024
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10 सूत्रीय कार्यक्रम पर ASEAN के साथ काम करेगा भारत, लाओस में बोले पीएम मोदी- 21वीं सदी एशिया की

ASEAN 10 दक्षिण एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय समूह है। यह दस देश ब्रूनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपीन्स, सिंगापुर , थाईलैंड और विएतनाम हैं। इसकी स्थापना 1967 में पाँच देशों ने की थी। संगठन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इन देशों में लगभग दुनिया की 10% आबादी (70 करोड़) निवास करती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान में दक्षिण एशियाई देश लाओस के दौरे पर हैं। लाओस में वर्तमान में ASEAN शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस्मने भारत का प्रतिनिधित्व करने गए हैं। उन्होंने ASEAN देशों के साथ भारत का सहयोग बढ़ाने के लिए स्थापित किए गए ASEAN-INDIA शिखर सम्मेलन की भी अध्यक्षता की है।

पीएम मोदी लाओस में वैश्विक नेताओं से भी मिल रहे हैं। यहाँ उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमन्त्री, फिलिपीन्स के राष्ट्रपति, अमेरिकी विदेश मंत्री समेत जापान के नए प्रधानमंत्री से भी मिले हैं। उन्होंने ASEAN के साथ ही कई द्विपक्षीय बैठकें भी की हैं। भारत के लिहाज से पीएम मोदी की यात्रा का मुख्य बिंदु ASEAN-INDIA शिखर सम्मेलन रहा है।

ASEAN-INDIA शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के साथ सभी ASEAN देशों के प्रमुख शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति के 10 वर्ष पूरे होने पर ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देश भारत के पड़ोसी और ग्लोबल साउथ मुहिम में महत्वपूर्ण सहयोगी हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशियाई देशों की सदी है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में अलग-अलग जगह संघर्ष हो रहे हैं ऐसे में ASEAN और भारत का सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने एक्ट ईस्ट नीति के 10 साल पूरे होने पर 10 सूत्रीय कार्यक्रम का ऐलान किया है।

ASEAN को लेकर भारत का 10 सूत्रीय कार्यक्रम

1. वर्ष 2025 को ASEAN-INDIA पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इसके लिए भारत $5 मिलियन सहयोग राशि में देगा।

2. युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत समारोह, ASEAN-INDIA थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली डायलाग समेत अन्य कई एक्टिविटी से एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा होने का जश्न मनाया जाएगा।

3. ASEAN-INDIA विज्ञान और तकनीक विकास फंड के तहत भारत और ASEAN देशों की महिला वैज्ञानिकों का सम्मेलन आयोजित करना।

4. नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या को दोगुना किया जाएगा और भारत के कृषि विश्वविद्यालयों में ASEAN देशों के छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति बनाई जाएगी।

5. 2025 तक ASEAN-INDIA के बीच सामानों के व्यापार समझौते की समीक्षा की जाएगी।

6. आपदा बचाव की क्षमता पर काम किया जाएगा। इसके लिए भी भारत 50 लाख डॉलर की राशि की सहायता देगा।

7. ASEAN-INDIA के स्वास्थ्य मंत्रियों के सहयोग का मंच तैयार करना

8. डिजिटल और साइबर सुरक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में ASEAN-INDIA साइबर नीति वार्ता का तंत्र तैयार करना

9. ग्रीन हाइड्रोजन पर काम

10. ASEAN नेताओं को ‘माँ के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना

क्या है ASEAN

ASEAN 10 दक्षिण एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय समूह है। यह दस देश ब्रूनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपीन्स, सिंगापुर , थाईलैंड और विएतनाम हैं। इसकी स्थापना 1967 में पाँच देशों ने की थी। संगठन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इन देशों में लगभग दुनिया की 10% आबादी (70 करोड़) निवास करती है।

ASEAN देश आर्थिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इन देशों की कुल अर्थव्यवस्था लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर है। जो संयुक्त रूप से विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था के बराबर होती है। इन देशों ने आपस में व्यापार सम्बन्धित कई समझौते भी किए हैं। इन देशों के बीच व्यापार पर कस्टम ड्यूटी भी काफी कम है।

इसके अलावा स्थानीय मुद्दों को सुलझाने के लिए भी यह मंच काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है। ASEAN देशों में शामिल सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसी तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाएँ हैं, जिसके कारण यह और भी ताकतवर हो जाता है।

भारत के लिए ASEAN क्यों जरूरी

ASEAN भारत के लिए वर्तमान वैश्विक हालात में काफी जरूरी है। इसके कई देशों की भारत से जमीन या समुद्री सीमा जुड़ी हुई है। भारतीय प्रायद्वीप में स्थित देशों के बाद यही देश भारत के सबसे करीबी हैं। यह देश भी भारत की तरह तेजी से विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में भारत के लिए यह बड़ा बाजार हैं।

इसके अलावा भारत के लिए यह देश सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कई देशों के चीन के साथ सीमाई विवाद हैं। चीन इनकी संप्रभुता में दखल देता रहता है। ऐसे में इस इलाके में भारत ही इनका बड़ा सहयोगी है। फिलिपीन्स जैसे देश भारत से रक्षा सामान भी खरीदते हैं। चीन के खतरे को रोकने के लिए भारत के यह सहयोगी हैं।

ASEAN देशों के लिए भी भारत काफी महत्वपूर्ण है। भारत इन देशों के लोगों की मेडिकल और शिक्षा सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करता है। इसके अलावा भारत तकनीक में भी इन देशों को सहायता करता है। भारतीय कम्पनियाँ इन देशों में बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं।

भारत और ASEAN के बीच मुक्त व्यापार समझौता भी है। भारत ASEAN+ का सदस्य भी है। इसमें ASEAN के बाहर के केवल 6 देश शामिल हैं। ASEAN पर भारत चीन का प्रभाव भी कम करना चाहता है। ASEAN को भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तम्भ मानता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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