Sunday, November 24, 2024
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कनाडा ने बिना सबूत दोष मढ़ा, अमित शाह के खिलाफ खबर प्लांट करवाई, अब ईरान-उत्तर कोरिया वाली लिस्ट में भारत को डाला: खालिस्तान प्रेम में ‘फिदायीन’ हुए जस्टिन ट्रूडो

कनाडा का कहना है कि भारत ऐसे प्रोग्राम बना रहा है, जिनसे उसकी सरकार को साइबर खतरा है। इस रिपोर्ट में कनाडा ने कहा, "वैश्विक व्यवस्था में नई शक्ति बनने की आकांक्षा रखने वाले देश, जैसेकि भारत, साइबर प्रोग्राम बना रहे हैं जो कनाडा के लिए अलग-अलग स्तरों पर खतरा पैदा करते हैं।"

भारत को लेकर कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार नीचता पर उतर आई है। कनाडा के भीतर खालिस्तानियों की हत्या करवाने के फर्जी आरोपों के बाद कनाडा ने नया शिगूफा छोड़ा है। कनाडा ने भारत को अब साइबर खतरा बताया है। उसने भारत को चीन, रूस और उत्तर कोरिया वाली श्रेणी में रखा है।

कनाडा के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संस्थान (CCCS) द्वारा बुधवार (30 अक्टूबर, 2024) को जारी की गई सालाना रिपोर्ट में भारत का पहली बार जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार के हैकर कनाडा में साइबर हमले कर सकते हैं और कनाडा के कामकाज को बाधित कर सकते हैं।

CCCS की सालाना रिपोर्ट में लिखा गया है, “हमारा आकलन है कि भारत सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर खतरा पैदा करने वाले लोग जासूसी के उद्देश्य से कनाडा सरकार के नेटवर्क के खिलाफ काम कर सकते हैं। हमारा मानना ​​है कि कनाडा और भारत के बीच के रिश्ते ही भारत के साइबर ख़तरे को नियंत्रित करेंगे।”

कनाडा का कहना है कि भारत ऐसे प्रोग्राम बना रहा है, जिनसे उसकी सरकार को साइबर खतरा है। इस रिपोर्ट में कनाडा ने कहा, “वैश्विक व्यवस्था में नई शक्ति बनने की आकांक्षा रखने वाले देश, जैसेकि भारत, साइबर प्रोग्राम बना रहे हैं जो कनाडा के लिए अलग-अलग स्तरों पर खतरा पैदा करते हैं।”

साइबर खतरा घोषित करने के साथ ही कनाडा ने भारत को अपना आधिकारिक दुश्मन भी घोषित किया है। इसी रिपोर्ट में भारत को उत्तरी कोरिया, रूस, ईरान और चीन के साथ रखा गया है और कनाडा का दुश्मन बताया गया है। भारत को पहली बार कनाडा ने इस सूची में रखा है।

ट्रूडो सरकार की यह नई पैंतरेबाजी ऐसे समय में सामने आई है जब उसकी NSA और उप विदेश मंत्री ने भारत के खिलाफ अखबार से चुगली करने की बात कैमरे पर स्वीकार की है। दोनों ने इसे ‘मीडिया रणनीति’ का नाम देकर अपना चेहरा बचाने का प्रयास किया है।

भारत पर खालिस्तानी निज्जर की हत्या के फर्जी आरोप लगाने के बाद भी जब ट्रूडो को घरेलू फ्रंट पर कोई राहत नहीं मिली है तो वह अब नीचता पर उतर आए हैं। इसका सबसे पहला कदम भारतीय राजनयिकों पर उल्टे-सीधे आरोप लगाना था। इसके बाद अपना प्रलाप सही सिद्ध करने के लिए ट्रूडो ने अपने वर्दीधारी भी लगाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

जब इन सबसे बात नहीं बनी और भारत ने कनाडा के राजनयिक निकाल कर उसकी औकात दिखा दी तब ट्रूडो के चेले-चपाटों ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम उछालना चालू कर दिया है। विदेशी रिश्तों के फ्रंट पर नौसिखिए की तरह व्यवहार करने वाले ट्रूडो का यह पैंतरा भी नहीं चलने वाला।

अब अपने तरकश से यह नया साइबर सुरक्षा वाला तीर निकाला है। हास्यास्पद बात यह है कि भारत को उस लिस्ट में रखा गया है जहाँ चीन और उत्तर कोरिया हैं, जबकि भारत ने आज तक किसी देश पर आधिकारिक रूप से साइबर हमले नहीं किए। यहाँ तक कि पाकिस्तान पर भी भारत ने साइबर हमले नहीं किए हैं।

प्रधानमंत्री के तौर अपने आखिरी दिन गिन रहे ट्रूडो किसी भी तरह भारत को विलेन घोषित करके कनाडा के भीतर राष्ट्रवाद का फर्जी ज्वर पैदा करना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि इससे उन्हें सिख वोट भी मिलेगा और उनकी छवि मजबूत नेता की बनेगी, जिससे उनकी संकटग्रस्त पार्टी बच सकेगी।

विदेशी रिश्तों में जोकर की तरह व्यवहार करने वाले ट्रूडो लेकिन इस बीच खुद ही मूर्ख सिद्ध हो जाते हैं। हाल ही में उन्होंने खुद ही स्वीकारा था कि उनके पास भारत के खिलाफ निज्जर मामले में कोई पक्के सबूत नहीं हैं। इसके बाद भी वह अपना प्रलाप जारी रख रहे हैं। उनमें अब भी उम्मीद बाकी है कि भारत के खिलाफ बदजुबानी से कोई फायदा होगा।

भारत पहले दिन से कहता आया है कि निज्जर समेत किसी मामले में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। उसने कनाडा से सबूत माँगे हैं। कनाडा आरोप लगाने के एक साल के बाद भी कोई सबूत नहीं रख पाया है। भारत ने भी यह साफ़ कर दिया है कि ट्रूडो की यह चाल दोनों देशों के रिश्ते खराब करने के अलावा और कुछ नहीं करने वाली।

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अर्पित त्रिपाठी
अर्पित त्रिपाठीhttps://hindi.opindia.com/
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