सदियों से चले आ रहे राम जन्मभूमि मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के साथ ही एक विवाद का अंत हो गया। विवाद ख़त्म होते ही आतंकी संगठन सक्रिय हो गए हैं। यही वजह है कि सरकार संदिग्ध गतिविधियों की आशंका के मद्देनज़र काफी सख्त रवैया अपना रही है।
मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को दस दिन पहले ही इस सम्बन्ध में सतर्क कर दिया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर ने बताया कि यह खतरे की गंभीरता को दिखाता है। उन्होंने बताया कि रॉ, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) से लेकर सेना तक प्रत्येक एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुँची है कि यह फैसला आने के बाद से ही पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी हमला होने की सम्भावना काफी अधिक है।
मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो आतंकवादियों के निशाने पर प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश तक हो सकते हैं। बता दें कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले से संबंधित जानकारी और सूचनाओं के लिए ‘डार्क वेब’ की तकनीक का सहारा लिया, जिसमें सारी बातें इनक्रिपटेड थीं। कोडवर्ड के सहारे चल रही इस बातचीत को डिकोड करने में सुरक्षा एजेंसियों को ख़ासी मेहनत करनी पड़ी।
यूपी के अयोध्या में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विवादित ज़मीन को राम जन्मभूमि करार दिए जाने के बाद से ही यह पूरी कवायद चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2010 में आए इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर रख दिया।
रामलला का जन्मभूमि पर हक मानते हुए कोर्ट ने मंदिर बनाए जाने की दलील के पक्ष में फैसला सुनाया तो वहीं मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अलग से पाँच एकड़ ज़मीन देने का भी आदेश दिया गया।