जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ ज़िले में तीन आतंकियों के ढेर होने की ख़बर सामने आई है। इस सन्दर्भ में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित कर बताया कि हिज़बुल मुजाहिदीन का एक कमांडर जो 2017 से सक्रिय था उसे मार गिराया गया है। उसके ख़िलाफ़ 19 FIR दर्ज थे और वो 4 नागरिकों समेत 4 पुलिसकर्मियों की हत्या में भी वो शामिल था। मारे गए आतंकियों में दूसरा आतंकी आदिल शेख था और तीसरे की पहचान जहाँगीर के रूप में हुई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन दक्षिण-कश्मीर में पूरी तरह से ख़त्म होने की कगार पर है।
J&K DGP Dilbag Singh: The second was Adil Sheikh and the third is being identified as Jahangir. https://t.co/AMqlSxKTOR
— ANI (@ANI) January 20, 2020
प्रेस कॉफ्रेंस में कश्मीर में डी-रेडिकलाइज़ेशन केंद्रों की ज़रूरत के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई सुविधा सामने आती है जो एक अच्छा संकेत होता, तो ऐसा होना चाहिए। यह निश्चित तौर पर लोगों की मदद करेगा, विशेषतौर पर जो लोग भटक गए हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा, “अगर इस तरह की कोई सेंसिबल व्यवस्था की जाए तो सिविल सोसाइटी के लोग और एक्सपर्ट जो धर्म, ऐसे अन्य विषय और प्रासंगिक पहलुओं से निपटते है… उनके लिए आसानी होगी। मुझे लगता है कि यह एक सही कदम होगा। इस तरह की पहल का स्वागत किया जाना चाहिए।”
J&K DGP Dilbag Singh: If some sensible kind of arrangement is made where good people from the civil society & experts who deal with the subject and relevant aspects of religion and other things… I think that will be a good development. That kind of things should be welcomed. https://t.co/E3wwqfZESN
— ANI (@ANI) January 20, 2020
इससे पहले, बुधवार (15 जनवरी) को आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने कहा था कि अगर आतंक का ख़ात्मा करना है तो आतंकवादियों से अमेरिका की तरह लड़ाई लड़नी होगी। जैसा कि उन्होंने 9/11 के बाद आतंकियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। इस दौरान सेनाध्यक्ष ने यह भी कहा था कि आतंकियों के ख़िलाफ़ एक लंबी लड़ाई लड़नी होगी, इसके लिए वैश्विक जंग की आवश्यकता है। ऐसा करके आतंकियों को विश्व में अलग-थलग किया जा सकता है।
इतना ही नहीं जनरल रावत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि, जो देश आतंकियों की हर तरह से मदद करते हों वह अपने को आतंक से पीड़ित नहीं बता सकते। इसलिए ऐसे देशों को इस वैश्विक जंग में बाहर करना होगा तभी हम इनके ख़िलाफ़ बेहतर लड़ाई लड़ी जा सकती है। याद दिला दें कि पिछले साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल क़िले की प्राचीर से तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बिठाने के लिएए सीडीएस के पद की घोषणा की थी। इस पद की ज़िम्मेदारी सबसे पहले जनरल विपिन रावत को सौंपी गई है।
आतंकियों से निपटने के लिए भारत अपनाए अमेरिकी मॉडल, पाकिस्तान को अलग-थलग करना होगा: CDS विपिन रावत
देश के पहले CDS होंगे जनरल बिपिन रावत, PM मोदी ने निभाया लाल किले से किया गया बड़ा वादा