देश की मौजूदा स्थिति पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी राय रखी है। देश भर में सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। अधिकतर जगहों पर प्रदर्शन हिंसक रहा है और पुलिस व आम नागरिकों पर पत्थरबाजी की गई। पूर्व राष्ट्रपति ने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकले हैं, ये लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों से लोकतंत्र की जड़ें गहरी होती जाती हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि युवा विभिन्न मुद्दे पर खुल कर अपने विचार रख रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने इस दौरान चुनाव आयोग सहित अन्य संस्थानों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग बेहतर तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहा है। बकौल मुखर्जी, चुनाव आयोग को बदनाम करने का कोई भी प्रयास पूरी चुनाव प्रक्रिया को बदनाम कर देगा, इसीलिए इससे बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान का कामकाज वहाँ काम कर रहे लोगों से पता चलता है। प्रणब मुखर्जी ने इस दौरान जनादेश का सम्मान किए जाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनादेश की पवित्रता सर्वोच्च है।
प्रणब मुखर्जी ने ये बातें चुनाव आयोग चुनाव आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आरबीआई, कैग, नीति आयोग और यूपीएससी जैसे संस्थानों ने भारत की आर्थिक व राजनीतिक पुनरुत्थान के कार्य में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जनादेश की पवित्रता का सम्मान करना चुनाव आयोग का कार्य है और सभी प्रकार की अटकलों को विराम देने के लिए आयोग को ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र किसी भी संदेह से परे है।
बता दें कि विपक्षी दल लगातार ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते रहे हैं और उसकी निष्पक्षता को सार्वजनिक रूप से सन्देश की दृष्टि से देखते रहे हैं। प्रणब मुखर्जी ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने अपने उद्देश्य के अनुसार देश की अच्छी सेवा की है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करा कर बार-बार लगने वाली आचार संहिता से होने वाली समस्याओं के समाधान की बात कही। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा संवैधानिक सहमति के बाद किया जाना चाहिए।
The Election Commission has served its purpose well & any attempt at its denigration will amount to denigrating the electoral process.People’s mandate is sacrosanct and its sanctity supreme.Onus of ensuring this lies with the ECI.They must do so & put any speculations to rest.
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) January 23, 2020
पूर्व राष्ट्रपति ने आदर्श आचार संहिता में संशोधन की भी वकालात की। उन्होंने कहा कि इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान विकास कार्य प्रभावित न हों। वहीं चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि आयोग सभी पक्षों के प्रबुद्ध जनों की राय सुनने को इच्छुक है।