Saturday, April 27, 2024
Homeराजनीतिचुनाव आयोग को न करें बदनाम, जनादेश से बढ़कर कुछ भी नहीं: प्रणब मुखर्जी

चुनाव आयोग को न करें बदनाम, जनादेश से बढ़कर कुछ भी नहीं: प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग के साथ-साथ आरबीआई, कैग, नीति आयोग और यूपीएससी जैसे संस्थाओं की भी प्रशंसा की। कहा कि देश के आर्थिक और राजनीतिक पुनरुत्थान के कार्य में इनका बड़ा योगदान है।

देश की मौजूदा स्थिति पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी राय रखी है। देश भर में सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। अधिकतर जगहों पर प्रदर्शन हिंसक रहा है और पुलिस व आम नागरिकों पर पत्थरबाजी की गई। पूर्व राष्ट्रपति ने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकले हैं, ये लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों से लोकतंत्र की जड़ें गहरी होती जाती हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि युवा विभिन्न मुद्दे पर खुल कर अपने विचार रख रहे हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ने इस दौरान चुनाव आयोग सहित अन्य संस्थानों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग बेहतर तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहा है। बकौल मुखर्जी, चुनाव आयोग को बदनाम करने का कोई भी प्रयास पूरी चुनाव प्रक्रिया को बदनाम कर देगा, इसीलिए इससे बचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान का कामकाज वहाँ काम कर रहे लोगों से पता चलता है। प्रणब मुखर्जी ने इस दौरान जनादेश का सम्मान किए जाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनादेश की पवित्रता सर्वोच्च है।

प्रणब मुखर्जी ने ये बातें चुनाव आयोग चुनाव आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आरबीआई, कैग, नीति आयोग और यूपीएससी जैसे संस्थानों ने भारत की आर्थिक व राजनीतिक पुनरुत्थान के कार्य में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जनादेश की पवित्रता का सम्मान करना चुनाव आयोग का कार्य है और सभी प्रकार की अटकलों को विराम देने के लिए आयोग को ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र किसी भी संदेह से परे है।

बता दें कि विपक्षी दल लगातार ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते रहे हैं और उसकी निष्पक्षता को सार्वजनिक रूप से सन्देश की दृष्टि से देखते रहे हैं। प्रणब मुखर्जी ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने अपने उद्देश्य के अनुसार देश की अच्छी सेवा की है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करा कर बार-बार लगने वाली आचार संहिता से होने वाली समस्याओं के समाधान की बात कही। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा संवैधानिक सहमति के बाद किया जाना चाहिए।

पूर्व राष्ट्रपति ने आदर्श आचार संहिता में संशोधन की भी वकालात की। उन्होंने कहा कि इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान विकास कार्य प्रभावित न हों। वहीं चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि आयोग सभी पक्षों के प्रबुद्ध जनों की राय सुनने को इच्छुक है।

‘GDP ग्रोथ में गिरावट चिंता की बात नहीं’– प्रणब मुखर्जी की यह लाइन कॉन्ग्रेसी चमचे और मीडिया गिरोह को तमाचा

प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न: कार्यक्रम से नदारद रहे राहुल-सोनिया, बधाई के लिए एक ट्वीट तक नहीं

CAA लाओ, मुस्लिमों को नागरिकता मत दो: 2003 में कॉन्ग्रेस नेताओं ने की पैरवी, आज फैला रहे अफवाह

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe