Sunday, December 22, 2024
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नेपाल भागने की फिराक में शरजील इमाम: पटना में मिली लास्ट लोकेशन, भाई को पुलिस ने लिया हिरासत में

एक तरफ जहाँ पुलिस दोशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शरजील इमाम के पक्ष में जेएनयू छात्रों ने सोमवार की शाम पैदल मार्च किया।

असम को हिंदुस्तान से काटने का विवादित वीडियो सामने आने के बाद जेएनयू छात्र और शाहीन बाग प्रोटेस्ट के को-ऑर्डिनेटर शरजील इमाम को पुलिस सरगर्मी से तलाश रही है। यूपी, बिहार, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में केस दर्ज होने के बाद अब शरजील की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस भी छापेमारी कर रही है। इस बीच शरजील के भाई को बिहार पुलिस ने हिरासत में लिया है।

शरजील की लास्ट लोकेशन पटना में मिली है। बिहार पुलिस को शक है कि वो बॉर्डर के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में हो सकता है। इस संभावना को देखते हुए बिहार-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है। शरजील की माँ अपने बेटे को मीडिया के माध्यम से कह रही है कि वो सरेंडर कर दे हालाँकि उनका मानना है कि उनके बेटे की बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

बिहार पुलिस ने सोमवार (जनवरी 27, 2019) को शरजील के जहानाबाद स्थित पैतृक घर पर छापा मारकर उसके छोटे भाई को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। दरअसल पुलिस ने शरजील इमाम को गिरफ्तार करने के लिए मुबंई, पटना और दिल्ली में छापेमारी की थी। इस दौरान जहानाबाद में उसके घर के सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, हालाँकि शरजील वहाँ नहीं मिला।

एक तरफ जहाँ पुलिस दोशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शरजील इमाम के पक्ष में जेएनयू छात्रों ने सोमवार की शाम पैदल मार्च किया। यह मार्च गंगा ढाबे से शुरू होकर चंद्रभागा हॉस्टल तक किया गया। इस दौरान ‘शरजील इमाम जिंदाबाद’ के नारे लगे। साथ ही नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में भी नारेबाजी की गई।

गौरतलब है कि शरजील इमाम ने विवादित वीडियो में कहा था, “असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। असम और इंडिया कटकर अलग हो जाए, तभी ये हमारी बात सुनेंगे। असम में मुस्लिमों का क्या हाल है, आपको पता है क्या? CAA-NRC लागू हो चुका है वहाँ। डिटेंशन कैंप में लोग डाले जा रहे हैं और वहाँ तो खैर कत्ले-आम चल रहा है। 6-8 महीनों में पता चलेगा कि सारे बंगालियों को मार दिया गया वहाँ, हिंदु हो या मुस्लिम। अगर हमें असम की मदद करनी है तो हमें असम का रास्ता बंद करना होगा फौज के लिए और जो भी जितना भी सप्लाई जा रहा है बंद करो उसे। बंद कर सकते हैं हम उसे, क्योंकि चिकन नेक जो इलाका है, वह मुस्लिम बहुल इलाका है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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