केरल विधानसभा में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान के साथ बदसलूकी हुई। राज्यपाल के ख़िलाफ़ सदन में जम कर नारेबाजी की गई। दरअसल, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सूचित किया था कि वो अपने सम्बोधन का पैराग्राफ 18 नहीं पढ़ेंगे, क्योंकि उसमें सीएए के ख़िलाफ़ बातें लिखी हुई हैं। इस पैराग्राफ में नागरिकता संशोधन क़ानून को असंवैधानिक और भेदभाव करने वाला बताया गया है। ड्राफ्ट में सीएए के बारे में इस तरह की बातें लिखे जाने पर राज्यपाल ने आपत्ति जताई। बाद में राजभवन ने सीएम पिनाराई विजयन के स्पष्टीकरण को ख़ारिज कर दिया। राज्यपाल के सम्बोधन के ड्राफ्ट को मंत्रिपरिषद द्वारा तैयार किया गया गया था।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने राजभवन को सलाह दी थी कि राज्यपाल को अपना सम्बोधन बिना कोई बदलाव किए हुए पढ़ना चाहिए। राजभवन ने सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल को ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। राजभवन का आरोप है कि केरल मंत्रिपरिषद ने ‘विचारों’ को ‘नीतियों और योजनाओं’ के साथ मिक्स कर के पेश करने का प्रयास किया है और राज्यपाल इसके लिए राजी नहीं हैं। हालाँकि, मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल की आपत्तियों को नकार दिया।
बुधवार (जनवरी 29, 2020) को जब केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान बजट सेशन को सम्बोधित करने विधानसभा पहुँचे, तब विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस के विधायकों ने उन्हें सदन में घुसने से रोक दिया। पोस्टर-बैनर लेकर राज्यपाल का रास्ते रोकते हुए कॉन्ग्रेस विधायकों ने जम कर नारेबाजी की। बाद में सिक्योरिटी गार्ड्स ने इन विधायकों को वहाँ से हटाया। कॉन्ग्रेस विधायकों का कहना था कि राज्यपाल ने लोकतंत्र का अपमान किया है क्योंकि विधानसभा ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया था। विधायकों ने सदन से वाकआउट किया।
Thiruvananthapuram: United Democratic Front (UDF) MLAs stage a walk-out from the assembly as Kerala Governor Arif Mohammad Khan begins his address. https://t.co/ohQS12yVQr pic.twitter.com/sqE05PSQtS
— ANI (@ANI) January 29, 2020
हालाँकि, हंगामे के बीच ही राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान ने अपना सम्बोधन शुरू किया। नेता प्रतिपक्ष रमेश चेनिथाला ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वो राज्यपाल को वापस भेजने के लिए एक प्रस्ताव पास करें, जिसमें राष्ट्रपति से अनुरोध किया जाए वो आरिफ मोहम्मद ख़ान को वापस बुला लें। जब से आरिफ मोहम्मद ख़ान ने सीएए विरोधी प्रस्ताव की आलोचना की है, तब से केरल में पक्ष और विपक्ष, दोनों ही उनका एक सुर से विरोध कर रहे हैं।
राज्यपाल के सम्बोधन के दौरान उन्हें मार्शलों ने घेरे रखा ताकि कोई विधायक उन तक पहुँच कर बदसलूकी न करे। उन्हें मार्शलों की सुरक्षा के बीच मंच तक पहुँचाया गया। इस घटना को लेकर केरल भाजपा ने कॉन्ग्रेस और वामपंथियों की निंदा की है।