Saturday, December 21, 2024
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AMU छात्रों ने किया शांति भंग: आमिर, हमजा, इम्तियाज, मोइनुद्दीन पर ₹1-1 लाख का जुर्माना

जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

जिला प्रशासन को शांति बनाए रखने का आश्वासन देने के बाद भी AMU में हिंसा करने वाले छात्रों से अब अलीगढ़ प्रशासन लाखों का जुर्माना बसूल करेगा। दरअसल 15 दिसंबर को छात्रों ने सीएए विरोध के नाम पर कैंपस में हिंसा की थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। वहीं जिला प्रशासन अब ऐसे चार छात्रों से जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपए वसूल करेगा।

अतिरिक्त शहर मजिस्ट्रेट (ACM) रणजीत सिंह ने रविवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि धारा 107 के तहत चार बांड पर AMU के दो पूर्व छात्रों सहित चार छात्रों ने हस्ताक्षर करते हुए प्रशासन को आश्वासन दिया था कि वे शहर में शांति बनाए रखेंगे, लेकिन इसके बाद 15 दिसंबर को कैंपस में हुई हिंसा में चारों छात्रों को कथित तौर पर शामिल पाया गया। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के चार छात्रों को 1-1 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा, क्योंकि अलीगढ़ जिला प्रशासन ने ज़मानत बांड को प्रत्येक छात्र से वसूल करने का फैसला किया है, दरअसल 15 दिसंबर को कैंपस में हुई हिंसा से पहले छात्रों द्वारा इस बांड पर हस्ताक्षर किए थे। रणजीत सिंह ने कहा कि इन चारों छात्रों मे छात्र संघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर, पूर्व उपाध्यक्ष हमजा सूफियान, रिसर्च स्कॉलर सलमान इम्तियाज, जो कि छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं, और एक छात्र मोइनुद्दीन शामिल हैं।

वहीं एसीएम ने कहा कि जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

रिसर्च स्कॉलर सलमान इम्तियाज ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि, दो अलग-अलग घटनाओं में तीन छात्रों के खिलाफ प्रशासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के फैसले पर कुलपति कार्यालय में हंगामा किया गया था। इसके बाद 1 अगस्त को अन्य छात्रों के साथ हमने हस्ताक्षर किए थे।

इस बीच, एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि वे एएमयू के छात्र हैं या युनिवर्सिटी से जुड़े हैं। सिर्फ नामों के आधार पर, हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि ये प्रशासन द्वारा पहचाने जाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने ये नाम नहीं दिए हैं, जिनमें एक ही नाम के एक से अधिक छात्र हैं। एएमयू प्रॉक्टर ने कहा कि विश्वविद्यालय का माहौल फिलहाल सामान्य स्थिति में है। वहीं कक्षाओं में भी अब छात्र भाग ले रहे हैं और इसी के साथ विभिन्न विभागों द्वारा लंबित परीक्षाएँ भी आयोजित की गई हैं।

आपके बता दें कि 15 दिसंबर को सीएए विरोध के नाम पर एएमयू में हुई हिंसा के बाद से ही प्रदर्शकारी बाबे सैयद गेट पर 15 दिसंबर से धरने पर बैठे हुए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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