Saturday, November 23, 2024
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‘हमें कोरोना नहीं होगा, मोदी को होगा, हमारे साथ अल्लाह है’ – जामिया प्रदर्शन पर बैठी बुजुर्ग महिला

इस विडियो की सबसे शर्मनाक चीज - वो महिला जिसने कुछ दिन पहले इसी प्रदर्शन के कारण अपने बेटे को खोया, वो एक बार फिर से अपने हाथ में अपना एक और बच्चा लिए इस प्रदर्शन में मौजूद है।

कोरोना वायरस के कहर से देश की जनता को बचाने के लिए जहाँ भारत सरकार और राज्य सरकारें हर मुमकिन प्रयास करने में जुटी हैं, वहीं दिल्ली के ओखला में जामिया के गेट नंबर 7 पर मुस्लिम महिलाओं का सीएए-एनआरसी-एनपीआर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी है। इन महिलाओं का कहना है कि इन्हें कोरोना से कोई भय नहीं है। वे यहाँ पर सबसे हाथ मिला रही हैं। नमाज पढ़ रही हैं और आपस में साथ में बैठ रही हैं। इनका कहना है कि इन्हें कोरोना का कोई डर नहीं है क्योंकि कोरोना उन्हें नहीं होगा बल्कि नरेंद्र मोदी को होगा।

जामिया नगर में चल रहे इस प्रोटेस्ट की एक विडियो सोशल मीडिया पर सामने आई है। ये विडियो लाइव टीवी है। विडियो में देख सकते हैं कि बुजुर्ग से लेकर बच्चियाँ तक यहाँ प्रदर्शन में शामिल हैं और जोर जोर से अल्लाह-मौला का नाम लेकर प्रोटेस्ट आदि करने की आजादी माँग रही हैं।

विडियो में सर्वप्रथम एक युवक की बाइट है। जो बताता है कि उसने देश भर के सभी राज्यों का सिलसिलेवार दौरा किया है और देखा है कि शाहीन बाग तथा जामिया की तर्ज पर लोग जगह-जगह अपने घरों से बाहर निकले हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी माँग सिर्फ़ इतनी है कि सरकार आकर उनकी बात सुने। और कुछ भी नहीं। लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही।

इसके बाद इसमें एक बुजुर्ग महिला की बाइट है। जो कैमरे पर आने के बाद सबसे पहले मोदी सरकार की जमकर आलोचना करती है और कहती है कि मोदी सरकार उन लोगों से आकर मिलें, तभी वह हटेंगे। फिर रिपोर्टर बुजुर्ग महिला से कहता है कि उन लोगों को भटकाने के लिए कोरोना का खौफ फैलाया जा रहा है। तो वो लोग इससे कैसे लड़ेंगी। इस पर बुजुर्ग महिला कहती हैं, “हमें अल्लाह का खौफ है और किसी का खौफ नहीं है। हम हाथ भी खूब मिला रहे हैं और हम आपस में मिलकर बैठ रहे हैं। नमाज पढ़ते हैं। हमें अल्लाह पर भरोसा है। हमें कुछ नहीं होगा। मोदी को होगा। क्योंकि मोदी जाते हैं बाहर। उन्हें डर है। हमें कोई डर नहीं है। हम दिन रात एक साथ हैं सारे… और अल्लाह हमारे साथ है।”

राज्य सरकार के निर्देशों के बावजूद भी इस प्रदर्शन में इस विडियो में सभी महिलाओं को एक साथ बैठे देखा जा सकता है और सुना जा सकता है कि यहाँ मौजूद महिलाओं का कहना है कि उन्हें एनआरसी-सीएए-एनपीआर के बारे में कुछ मालूम नहीं था। उन्हें तो जामिया की बच्चियों ने इंस्पायर किया है और अब वे तब तक यहाँ से नहीं उठेंगी जब तक कि मोदी सरकार लिखित में नहीं देगी कि वे इस कानून को वापस लेंगे।

महिलाओं की बातें और भाषा सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके दिमाग में सिर्फ़ मोदी सरकार के प्रति नफरत भरी गई है। उन्हें तो यह भी नहीं पता कि उनकी तरह सैकड़ों लोगों को ईरान से बचाकर केंद्र सरकार ही लाई है। एक महिला तो यहाँ तक बोलती सुनी जा सकती है कि हिंदुस्तान में मुस्लिमों पर बहुत ज्यादा जुल्म हुआ है और वे केवल हिंदुस्तान की आजादी की माँग कर रही हैं।

सबसे शर्मनाक चीज जो इस विडियो के जरिए मालूम चलती है, वो ये कि एक महिला जिसने कुछ दिन पहले इसी प्रदर्शन के कारण अपने बेटे को खोया, वो एक बार फिर से अपने हाथ में अपना एक और बच्चा लिए इस प्रदर्शन में मौजूद है और जब रिपोर्टर उससे इस संबंध में सवाल करता है तो वह लगातार कहती है कि वो यही चाहती है कि काले कानून को वापस ले लिया जाए।

विडिया के इस भाग में गौर देने वाली ये चीज है कि माँ की लापरवाही से जान गँवाने वाले बच्चे के लिए शहादत का प्रयोग किया जाता रहता है और महिला भी कहती है कि उसे अब ये प्रदर्शन अपने घर जैसे लगने लगा है। वे यहाँ आती है और लोग उसे खूब सपोर्ट करते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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