केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि वो अपने-अपने प्रदेशों में उन डॉक्टरों स्वाथ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराएँ, जो क्वारंटाइन, मेडिकल स्क्रीनिंग और इलाज सम्बन्धी गतिविधियों में लगे हुए हैं। ऐसा उन पर हो रहे हमलों को देखते हुए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी डेली प्रेस ब्रीफिंग में बताया है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के कारण 239 लोगों की मौत हुई है। अब तक 642 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। एक और चौंकाने वाला आँकड़ा ये है कि अगर लॉकडाउन नहीं हुआ होता तो देश में 15 अप्रैल तक कोरोना के 8.2 लाख मामले होते।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से निपटने की भारत की तैयारियों की भी बात की। मंत्रालय ने कहा कि भारत में फिलहाल 586 कोविड समर्पित अस्पताल हैं। साथ ही जानकारी दी कि अब तक 1 लाख से भी अधिक आइसोलेशन बेड और 11,500 आईसीयू बेड तैयार किए जा चुके हैं। फ़िलहाल 7447 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बात बताई गई है। शुक्रवार (अप्रैल 10, 2020) से लेकर अब तक सबसे ज्यादा 17 मौतें मध्य प्रदेश में हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि लॉकडाउन की बजाए यदि कुछ सीमित कदम ही उठाए गए होते तो भी भारत में संक्रमितों की संख्या 2 लाख के पार हो जाती। केंद्र सरकार ने ये भी कहा है कि वो विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा लॉकडाउन बढ़ाने के सुझाव पर विचार कर रही है। वहीं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कुछेक आर्थिक गतिविधियों को चालू किया जाना चाहिए, जबकि लॉकडाउन जारी ही रहे। वहीं ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ भी स्वीकार कर चुका है कि लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद भारत में ‘कम्युनिटी ट्रांसफर’ अभी रुका हुआ हैं, जो राहत की बात है।
If India had not implemented either containment or nationwide #lockdown – case growth by 41%, 8.2 lakh #COVID2019 cases by Apr 15
— PIB India 🇮🇳 #StayHome #StaySafe (@PIB_India) April 11, 2020
Containment measures but no lockdown – 1.2 lakh cases by Apr 15
Since we have acted – 7,447 cases on Apr 11
– statistical analysis by @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/SSbTM6Dg55
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आँकड़ों में बताया है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव के 1035 नए मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। उधर दिल्ली सरकार ने ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ग्रामीण सेवा, फटफट सेवा, मैक्सी कैब, ईको फ्रेंडली सेवा, ई-रिक्शा और स्कूल कैब ड्राइवर को 5000 रुपए की मदद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सोमवार (अप्रैल 13, 2020) को आवेदन स्वीकार किए जाएँगे। केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने कहा है कि सोमवार से सभी मंत्रालयों में कामकाज शुरू हो जाएगा। संयुक्त सचिव और उससे ऊपर रैंक के अधिकारी पूर्व की भाँति कामकाज शुरू कर देंगे।