Wednesday, November 27, 2024
Homeदेश-समाजमस्जिदों में सघन तलाशी के बाद भी सैकड़ों लापता तबलीगी जमातियों की वजह से...

मस्जिदों में सघन तलाशी के बाद भी सैकड़ों लापता तबलीगी जमातियों की वजह से बढ़ सकता हैं संक्रमितों का आँकड़ा: रिपोर्टस

विभिन्न राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में तबलीगी जमात के संपर्क में आने वाले 40-50 सदस्य लापता हैं, उत्तर प्रदेश में लगभग 25 से 30 लोगों का पता नही लगाया जा पा रहा हैं। वहीं 25 से 30 लोग बिहार में खोजे गए हैं, 20 से 25 लोग तमिलनाडु में लापता हैं और कर्नाटक में भी 15 से 20 लोगो का पता नही लगाया जा पा रहा हैं।

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए पूरा विश्व लॉकडाउन व क्वारंटाइन के कड़े नियमों का पालन कर रहा है। जबकि भारत में लॉकडाउन और क्वारंटाइन के कड़े उपाय अपनाने के बाद भी यहाँ मुख्य रूप से तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद कुछ के लापता होने से केसों में वृद्धि हुई। इसके बाद ही देश में हजारों की संख्या में नए मामले आने शुरू हो गए। जिनका संबंध दिल्ली मरकज़ से जुड़ा था। कई दिनों तक की गई कड़ी मशक्कत और अलग-अलग मस्जिदों में छिपे तबलीगी जमात के सदस्यों की खोज के बाद, भारत अब एक अनिश्चित स्थिति में खड़ा है। जहाँ कई लापता तबलीगी जमात के सदस्य कोरोनावायरस संक्रमण को आने वाले दिनों में भी तेज़ी से बढ़ा सकते है।

अभी भी तबलीगी जमात के सैकड़ों लापता जमाती खुफिया एजेंसियों, विभिन्न राज्यों और यहाँ तक ​​कि केंद्र सरकार की पुलिस के लिए काफी सिरदर्द बने हुए हैं।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तबलीगी जमात के सैकड़ों सदस्य अभी भी लापता हैं। इन सदस्यों को ट्रैक किया जा रहा है और एजेंसियाँ ​​इन्हें ढूँढने की पुरजोर कोशिश में लगी है। इसके बावजूद भी इनका पता लगाना काफ़ी मुश्किल हो रहा हैं। मार्च में निजामुद्दीन मरकज में भाग लेने वाले तबलीगी जमात के सदस्यों ने विभिन्न राज्यों की यात्रा की जिसकी वजह से देश में कोरोना वायरस के कारण कई लोग संक्रमित हो गए।

गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, देश के 23 राज्यों में 4,291 से अधिक संक्रमण के मामलें ऐसे हैं जो तबलीगी जमात के सदस्यों से जुड़े हैं। 40,000 से अधिक लोगों को विभिन्न राज्यों में सारी सुविधाओं के साथ क्वारंटाइन भी किया गया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न राज्यों में जैसे महाराष्ट्र में तबलीगी जमात के संपर्क में आने वाले 40-50 सदस्य लापता हैं, उत्तर प्रदेश में लगभग 25 से 30 लोगों का पता नही लगाया जा पा रहा हैं। वहीं 25 से 30 लोग बिहार में खोजे गए हैं, 20 से 25 लोग तमिलनाडु में लापता हैं और कर्नाटक में भी 15 से 20 लोगो का पता नही लगाया जा पा रहा हैं।

बताया यह जा रहा है कि लापता तबलीगी जमात के सदस्यों की संख्या 200 से अधिक हो सकती है, इसके साथ ही, वे जिन लोगों के संपर्क में आए है अगर उन्हें जल्द ही
क्वारंटाइन नहीं किया गया तो इसके परिणामस्वरूप देश में कोरोनावायरस के सकारात्मक मामलों की संख्या को हजारों में बढ़ने से कोई नही रोक सकता।

कथित तौर पर, तबलीगी जमात के सदस्यों ने अपना फोन बंद कर दिया है, पुलिस लापता सदस्यों को ट्रैक करने के लिए टॉवर रिकॉर्ड और फोन डेटा से पता लगाने की कोशिश कर रही है। तबलीगी को खोजने के लिए पुलिस द्वारा स्थानीय मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया है। मस्जिद के ट्रस्टियों को पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए अलग-अलग समुदायों के नेता उन्हें मनाने में लगे हैं।

200 से ऊपर तबलीगी जमात के लोग है लापता

हालाँकि, संदेह यह है कि लापता तबलीगी जमात के सदस्यों की संख्या 200 से अधिक हो सकती है। क्योंकि रिपोर्ट्स के अनुसार दो दिन पहले यह बताया गया था कि केरल में अकेले 284 सदस्य तबलीगी जमात के लापता हो सकते हैं।

महामारी से प्रभावित होने वाला केरल देश का पहला राज्य था। जहाँ 408 कुल मामले दर्ज किए गए जिसमे तीन लोगों की मौत और 288 लोग अब तक ठीक हुए हैं। हालाँकि, राज्य पुलिस को अब डर है कि कुल 1,311 में से कुछ 284 लापता जमातियों की वजह से संक्रमित लोगों का आँकड़ा बढ़ सकता है।

केरल पुलिस तबलीगी जमात में उपस्थित लोगों को ढूँढने की कोशिश कर रही है क्योंकि मार्च के अंत तक संक्रमण के फैलने का सिलसिला राज्य में जारी रहा। कॉल रिकॉर्ड के बाद यह बात सामने आई कि राज्य के 1,311 लोग निज़ामुद्दीन मरकज़ के कार्यक्रम में शामिल थे।

तबलीगी मरकज़ के जमाती अब कोरोनावायरस के हॉटस्पॉट

निज़ामुद्दीन मरकज़ में हुए तब्लीगी जमात के कार्यक्रम, से जुड़े लोग भारत में कोरोनावायरस का हॉटस्पॉट बन गए है, क्योंकि भारत में एक-तिहाई से अधिक मामले अब उस घटना से जुड़े हुए हैं। जिन व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था, उनके परिवार के सदस्य और उनके संपर्क में आए लोगों का टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहा हैं। जिससे देश में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में न केवल भारतीय मौलवियों ने, बल्कि विदेशी नागरिकों ने भी भाग लिया था। उसके बाद दिल्ली के करीमनगर से इज्तिमा के लिए यात्रा करने के बाद जब तेलंगाना में संगठन से जुड़े सात इंडोनेशियाई नागरिकों का टेस्ट पॉजिटिव आया तभी सबको सचेत हो जाना चाहिए था। हालाँकि, बाद में जमात के द्वारा वायरस को फैलाने की पूरी गुंजाइश तब बन गई जब दिल्ली के चूड़ीवाली मस्जिद में लगभग 300 जमाती को संदिग्ध कोरोनोवायरस लक्षणों के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा, जिनमें कई लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘आप चुनाव जीते तो EVM सही, आप हारे तो हुई छेड़छाड़’: सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम बदलने से किया इनकार, अब बैलेट पेपर के लिए...

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिका को सुनवाई के योग्य ही नहीं पाया।
- विज्ञापन -