सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (मई 26, 2020) को देशद्रोह के मामले में पकड़े गए शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई की। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने असम, यूपी, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश को नोटिस जारी किया, जहाँ पर शरजील इमाम के खिलाफ FIR दर्ज है।
SC issued notice to UP, Assam & others on a plea by Sharjeel Imam for clubbing of cases lodged against him. SC gives Delhi police over a week’s time to file its detailed response & fixed the matter for further hearing after one week, without giving any date, for hearing the case.
— ANI (@ANI) May 26, 2020
बता दें कि पिछले दिनों शरजील इमाम ने याचिका दायर करते हुए खुद पर दर्ज सभी FIR पर एकसाथ एक ही एजेंसी से जाँच की माँग उठाई थी। शरजील इमाम ने कहा था कि उसके खिलाफ एक ही बयान के लिए अलग-अलग राज्यों में दर्ज FIR को क्लब किया जाए और निर्देश दिया जाए कि एक ही जाँच एजेंसी मामले की जाँच करे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए दिल्ली पुलिस को एक सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी। हालाँकि, अदालत ने कोई तारीख तय नहीं की है।
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने यह कहते हुए जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय माँगा था कि आरोपित शरजील इमाम कई राज्यों में आरोपों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह कल इस मामले पर जवाब दाखिल करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सभी पार्टियों को नोटिस जारी करना चाहिए, केवल दिल्ली के एनसीटी को नोटिस देना पर्याप्त नहीं है।
SC Bench comprising of Justices Ashok Bhushan, Sanjay Kishan Kaul and MR Shah are hearing Sharjeel Imam’s case. Imam had sought for clubbing of FIRs which levelled charges of sedition against him for allegedly making inflammatory speeches. #SharjeelImam
— Live Law (@LiveLawIndia) May 26, 2020
याचिकाकर्ता शरजील के वकील सिद्धार्थ दवे ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के केस का हवाला दिया, जिसमें उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को एक साथ क्लब करने के लिए अर्जी दाखिल करने की इजाजत मिली थी। हालाँकि, सॉलीसीटर तुषार मेहता ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दोनों केस में बहुत अंतर है।
गौरतलब है कि शरजील पर पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के जामिया में दंगा भड़काने और देश-विरोधी भाषण देने का आरोप है। उसके एक ही बयान के लिए पाँच राज्यों में पाँच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। अभी शरजील गुवाहाटी जेल में बंद है।
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शरजील इमाम पर गैर-कानूनी गतविधियाँ रोकथाम कानून (UAPA) के तहत भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। शरजील को पिछले साल दिसंबर महीने में देशविरोधी भाषण देने और जामिया में दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच शरजील इमाम का एक बेहद आपत्तिजनक वीडियो सामने आया था। इस विडियो में पूर्वोत्तर और असम को भारत के नक्शे से मिटाने का घृणित मंसूबा बेनकाब हुआ था।
वीडियो में शरजील इमाम ने कहा था, “हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से कट कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको एक महीना हटाने में लगेगा…जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।”